Division of Ratan Tata’s property: दुनिया के जाने माने उद्योगपति Ratan Tata अब इस दुनिया में नहीं हैं।
लेकिन मृत्यू से पहले उन्होंने वसीयत कर संपत्ति का बंटवारा भी कर दिया है। उन्होंने उत्तराधिकारी के रूप में नोएल टाटा को चुनकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
हालांकि, अब उनके व्यक्तिगत संपत्ति का बंटवारा भी एक बड़ा प्रश्न बना हुआ है। हाल ही में खबर आई है कि रतन टाटा की वसीयत में उनके सहायक शांतनु नायडू (Shantanu Naidu) सहित कई अन्य लोगों और संस्थाओं के नाम हैं, जिनमें से एक TATA Group की चैरिटेबल ट्रस्ट भी शामिल है।
रतन टाटा की वसीयत में उनके करीबी सहायक शांतनु नायडू का भी खास स्थान है। उन्होंने नायडू के वेंचर गुडफेलोज़ में अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी और उनकी शिक्षा के लिए लिया गया व्यक्तिगत LOAN माफ कर दिया।
रतन टाटा के पास कई प्रॉपर्टीज भी हैं, जैसे अलीबाग का बंगला और जुहू का एक समुद्र किनारे स्थित घर, जो उनके परिवार को पिता नवल टाटा की मृत्यु के बाद विरासत में मिला था। जुहू का घर पिछले 20 वर्षों से बंद पड़ा है और इसे बेचने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
रतन टाटा के पास लगभग 20-30 कारों का एक अनोखा कलेक्शन है
टाटा मोटर्स और अन्य टाटा कंपनियों में रतन टाटा की हिस्सेदारी भी RTEF में ट्रांसफर की जाएगी, जो एक गैर-लाभकारी संस्था है। इसके अलावा, रतन टाटा के पास लगभग 20-30 कारों का एक अनोखा कलेक्शन है, जिसे हेलेकाई निवास और कोलाबा स्थित ताज वेलिंग्टन म्यूज़ सर्विस अपार्टमेंट (Taj Wellington Mews Service Apartment) में रखा गया है।
इस कलेक्शन के भविष्य को लेकर चर्चाएं चल रही हैं, जिसमें इसे पुणे के संग्रहालय में प्रदर्शित करने या नीलामी में बेचने का विचार शामिल है।
बता दें कि रतन टाटा की सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति टाटा समूह की विभिन्न कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी है, जिसे टाटा समूह की परंपरा के अनुसार रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) में ट्रांसफर किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, टाटा संस के प्रमुख N. Chandrasekaran RTEF की अध्यक्षता संभाल सकते हैं।
इसके साथ ही, कोलाबा स्थित हलेकाई हाउस, जहां रतन टाटा अपने आखिरी समय तक रहते थे, का स्वामित्व टाटा संस की सहायक कंपनी इवार्ट इन्वेस्टमेंट्स के पास है।