नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह विश्वभारती और शांति निकेतन के दौरे के दौरान गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की कुर्सी पर नहीं बैठे।
शाह ने विश्वभारती के उपकुलपति का पत्र पेश करते हुए बताया कि इसमें स्पष्ट किया गया है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
इसके साथ ही उन्होंने चौधरी को चुनौती दी कि उन्होंने जो आरोप लगाए हैं, उसके पक्ष में प्रमाण पेश करें अन्यथा उसे सदन के रिकॉर्ड से बाहर किया जाए।
शाह ने लोकसभा में कांग्रेस नेता के आरोपों पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, “अधीर रंजन ने अपने वक्तव्य में कहा कि जब मैं विश्वभारती और शांति निकेतन में गया तो, गुरुदेव टैगोर की कुर्सी पर बैठा।
मेरे पास विश्वभारती के उपकुलपति का पत्र है, जिसमें मैंने स्पष्टता मांगी है कि सभी चीज की जांच करके बताइए कि कहां पर मैं बैठा हूं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
जहां पर मेरे बैठने का जिक्र है, वो एक खिड़की है, जहां सभी के बैठने की व्यवस्था है।
उसी स्थान पर पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल भी बैठीं थीं, प्रणब दा भी बैठे थे, राजीव गांधी भी बैठे थे, मैं भी वहीं बैठा हूं।”
केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा. “मैं तो उस कुर्सी पर नहीं बैठा लेकिन मेरे पास दो फोटो हैं, जिसमें एक पर जवाहर लाल नेहरू जी उस कुर्सी पर बैठे दिख रहे हैं।
दूसरी फोटो में राजीव गांधी टैगोर साहब के सोफे पर बैठकर चाय पीते दिख रहे हैं।”
उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि अगर कांग्रेस नेता के पास उनके आरोपों का कोई प्रमाण है तो पेश करें अन्यथा उसे सदन की कार्यवाही से हटाया जाए। शाह ने कहा कि उन दोनों तस्वीरों को भी सदन के रिकार्ड में शामिल किया जाए।
शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता ने गत रविवार को अपने संबोधन में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का भी नाम लिया। यह सदन की मर्यादा के खिलाफ है।
सदन में उस व्यक्ति का नाम नहीं लिया जाता जो उसका सदस्य न हो। किंतु अधीर रंजन ने जेपी नड्डा का नाम लेकर भी आरोप लगाए।
गृहमंत्री ने कहा कि उन्होंने नड्डा के भाषण को पूरा सुना है और वे कांग्रेस नेता को चुनौती देते हैं कि जो उन्होंने कल नड्डा पर आरोप लगाए थे, उसे सदन के रिकॉर्ड पर रखें।