नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिए गए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला (Chief Minister Omprakash Chautala) को चार साल की सजा देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर ED को नोटिस जारी किया है। जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने 25 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 27 मई को चौटाला को चार साल की सजा सुनाई थी। हालांकि सजा सुनाए जाने से पहले चौटाला जेल में एक साल चार महीने की सजा पहले ही काट चुके थे, जो उनकी चार साल की मुकर्रर सजा से कम कर दी गई।
राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने 4 साल की सजा मुकर्रर करते हुए कहा था कि ताकत भ्रष्ट कर देती है और असीमित ताकत पूरी तरह से भ्रष्ट कर देती है।
स्पेशल जज विकास धूल ने अपने आदेश में कहा था कि चौटाला ने संवैधानिक पद का दुरुपयोग किया। जनहित में काम करने की बजाए वो स्वार्थपूर्ति में लगे रहे।
कुल मिलाकर 6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की
वैध आय से 103 फीसदी अधिक की संपत्ति अर्जित की। कोर्ट ने कहा था कि लोकसेवकों के अपने पद के दुरुपयोग के बढ़ते मामलों के बीच एक सख्त संदेश देने की जरूरत है कि ऐसा करने पर वो न केवल कड़ी सजा के हकदार होंगे, बल्कि अवैध तरीके से अर्जित उनकी संपत्ति भी जब्त कर ली जाएगी।
कोर्ट ने ओमप्रकाश चौटाला की हेली रोड, पंचकूला, गुरुग्राम और असोला की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था। 2019 में ED ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में चौटाला की एक करोड़ 94 लाख की संपत्तियों को जब्त किया था।
ED ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (money laundering act) के तहत चौटाला की जमीन और एक फार्म हाउस को जब्त किया था। ED ने इससे पहले ओमप्रकाश चौटाला की 4.15 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। इस तरह कुल मिलाकर 6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की थी।
चौटाला जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स (Chautala Junior Basic Training Teachers) की भर्ती के घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद दस साल की कैद की सजा काट कर जेल से बाहर हैं।
जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स भर्ती घोटाले (Junior Basic Training Teachers Recruitment Scam) के मामले में ही ओमप्रकाश चौटाला और उनके बड़े पुत्र अजय सिंह चौटाला को 16 जनवरी 2013 को दस वर्ष की सजा सुनाई गई थी।