Karachi Pakistan News : पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित एक प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालय ने अपने परिसर में होली मनाने पर छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे परिसर के नियमों का उल्लंघन बताया, जबकि आलोचकों ने इसे अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों का हनन करार दिया है।
नोटिस पर विवाद, प्रशासन ने दी सफाई
पूर्व सांसद लाल मल्ही ने सोशल मीडिया पर दाऊद इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को जारी नोटिस साझा किया, जिसके बाद यह मामला चर्चा में आया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा कि यह एक पुराना मामला है और छात्रों के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
एक अधिकारी के अनुसार, “छात्रों को प्रशासन की पूर्व अनुमति लिए बिना परिसर में कार्यक्रम आयोजित करने पर नोटिस जारी किया गया था। यह विश्वविद्यालय के नियमों के खिलाफ था, और छात्रों ने पहले ही नोटिस का जवाब दे दिया है।”
अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों पर सवाल
पूर्व सांसद लाल मल्ही ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की धार्मिक परंपराओं पर बढ़ती बंदिशों पर चिंता जताई। उन्होंने सवाल किया, “क्या पाकिस्तान में होली मनाना अपराध है?” उन्होंने कहा कि पिछले साल भी हिंदू छात्रों को इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था। कुछ अन्य प्रांतों में भी होली के त्योहार को लेकर हिंदू समुदाय को परेशान किए जाने की घटनाएं सामने आई थीं।
अल्पसंख्यक समुदाय की बढ़ती चिंताएं
यह घटना पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव के आरोपों को और मजबूत करती है। अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं का कहना है कि इस तरह की घटनाएं उनके धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों पर हमला हैं।
हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह धार्मिक भेदभाव का मामला नहीं, बल्कि संस्थान के अनुशासनात्मक नियमों से जुड़ा मुद्दा है। लेकिन इसके बावजूद, इस मामले ने पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति को लेकर फिर से बहस छेड़ दी है।