रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सर्वोच्च प्राथमिकता के तहत लगभग पांच लाख 85 हजार शहरी आबादी को पेयजलापूर्ति उपलब्ध कराने की परियोजना मूर्त रूप लेने जा रही है।
राज्य के शहरी विकास एवं जलापूर्ति योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बुधवार को नई दिल्ली में केंद्र सरकार, एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी), राज्य सरकार और जुडको के बीच 1168 करोड़ रुपये के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर हुआ।
नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के अपर सचिव रजत कुमार मि़श्रा, राज्य सरकार के नगर विकास विभाग की ओर से सूडा निदेशक अमित कुमार, एशियन विकास बैंक के कंट्री डायरेक्टर तोकियो कोनिशी एवं जुडको के उप परियोजना प्रबंधक उत्कर्ष मिश्रा द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर किया गया ।
नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे के निर्देश पर झारखंड शहरी जलापूर्ति उन्नयन परियोजना (जेयूडब्ल्यूएसआईपी) के अंतर्गत जुडको लिमिटेड द्वारा एशियाई विकास बैंक के वित्त पोषण से शहरी जलापूर्ति योजना का क्रियान्वयन किया जाना है।
इस परियोजना से राजधानी रांची के साथ ही राज्य के आर्थिक रूप से पिछड़े शहरों मेदिनीनगर, हुसैनाबाद और झुमरीतिलैया को लाभ पहुंचेगा।
प्रथम चरण में राज्य के चार शहरी निकायों रांची, मेदिनीनगर, हुसैनाबाद और झुमरीतिलैया में जलापूर्ति के लिए कुल 1168 करोड़ रुपये की परियोजना बनायी गयी है।
इसके लिए एशियाई विकास बैंक प्रथम चरण के तहत 817.80 करोड़ रुपये का ऋण देगा, जबकि राज्य सरकार की हिस्सेदारी लगभग 350.40 करोड़ रुपये होगी।
इस परियोजना से रांची शहरी पेयजलापूर्ति फेज दो-ए के तहत 213 एमएलडी का रूक्का में जलशोध संयंत्र के साथ ही बोड़ेया के भरम पहाड़ी पर एक जलमीनार बनाया जायेगा।
इससे रांची नगर निगम क्षेत्र के 60932 आवासों यानी लगभग 304660 लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा।
फेज दो-ए के तहत हरिहर सिंह रोड, बरियातु, पहाड़ टोली, खेलगांव, अशोक नगर, अरगोड़ा आदि क्षेत्र के आवासों को जलापूर्ति का लाभ मिलेगा। इस योजना पर 756 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इसके अलावा रांची के रूक्का में 88 करोड़ की लागत से एक 225 एमएलडी का इंटेक वेल भी बनेगा।
इस इंटेक वेल से रांची की सभी जलापूर्ति योजनाओं को पेयजल मिलेगा। हुसैनाबाद शहरी जलापूर्ति योजना के तहत 6303 आवासों यानि 31515 लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा।
इस योजना के तहत सोन नदी पर 9.50 एमएलडी का इंटेकवेल बनेगा और 60 किलोमीटर कुल पाइप लाइन बिछाई जायेगी।
झुमरीतिलैया शहरी परियोजना के तहत लगभग 25000 आवासों यानी 125000 लोग शुद्ध पेयजल से लाभान्वित होंगे।
तिलैया डैम पर इंटेकवेल बनेगा। इसके अलावा 35.5 एमएलडी जलशोध संयत्र तथा चार नये जलमीनार बनाये जायेंगे।
नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय चौबे ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में सभी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए त्रिपक्षीय समझौता किया गया है। इन परियोजनाओं से राज्य को लाभ मिलेगा।
आगे भी आर्थिक रूप से पिछड़े लेकिन महत्वपूर्ण शहरों के विकास के निरंतर कार्य किये जाते रहेंगे।