कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में बड़ी सेंधमारी करने की फिराक में है।
तृणमूल कांग्रेस के 14 सांसदों पर भाजपा की पैनी नजर है।
भाजपा उन्हें अपने खेमे में लाने की कोशिशों में जुटी हुई है।
भाजपा अपनी इस रणनीति के जरिये तृणमूल को न सिर्फ बंगाल बल्कि केंद्र की राजनीति में भी कमजोर करने की जुगत में है।
जिन सांसदों पर भाजपा की नजर है, उनमें देव, शताब्दी राय, अपरूपा पोद्दार, प्रसून बनर्जी, शिशिर अधिकारी, दिब्येंदु अधिकारी, मिमी चक्रवर्ती और नुसरत जहां के नाम शामिल हैं।
भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि विधानसभा चुनाव के बाद बहुत से तृणमूल सांसद भाजपा में शामिल हो जाएंगे। दूसरी तरफ तृणमूल के कई सांसद भाजपा में शामिल होने की बात से साफ तौर पर इन्कार कर चुके हैं।
अपरूपा ने कहा कि मैं ममता दीदी की छोटी बहन हूं। कोई भी समस्या होने पर सीधे उनसे कहती हूं।
मैं नारद मामले में नाम आने से भयभीत नहीं हूं। राजनीति में कदम रखते समय अच्छा-बुरा सबकुछ सोचकर आई थी इसलिए भाजपा के सामने आत्मसमर्पण नहीं करूंगी।
टीएमसी सांसदों ने बताया अफवाह
इधर देव ने भी इसे भाजपा की ओर से फैलाई जा रही अफवाह करार देते हुए कहा कि मैं पार्टी बदलूंगा तो सबको दिखेगा।
मैं अपने जीवन को सीधा-सादा रखना पसंद करता हूं। मैं लोगों की सेवा करने राजनीति में आया हूं और सब समय उनके पास रहना चाहता हूं।
गौरतलब है कि तृणमूल सांसद सुनील मंडल तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
मंडल के पार्टी छोडऩे के बाद लोकसभा में तृणमूल के अब 21 सांसद हैं। लोकसभा में तृणमूल वर्तमान में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।