Census is going to be held in 2025: 2011 के बाद अब 2025 में जनगणना (Census) होने जा रही है। अप्रैल 2025 से देश में जनगणना शुरू हो सकती है।
जनगणना के साथ आर्थिक गणना (Economic Calculations) भी होगी। पिछले 14 सालों में कितनी आबादी बढ़ी है। कितना आर्थिक आधार बढा है। इसकी जानकारी इस जनगणना से निकलकर सामने आएगी।
2014 से केंद्र में प्रधानमंत्री Narendra Modi की सरकार है। पिछले 11 वर्षों में कितनी आर्थिक प्रगति हुई है। पहली बार देश को इसकी जानकारी लगेगी।
सरकार द्वारा जो दावे किए जा रहे हैं। वहीं जनसंख्या के दौरान जो आर्थिक गणना के आंकड़े होंगे, उन्ही से आर्थिक स्थिति प्रमाणित होगी।
वित्त मंत्रालय ने स्थाई समिति को सूचित किया है। सचिवों की समिति ने सातवीं आर्थिक गणना के परिणाम जारी नहीं करने का फैसला किया है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 2025 में आर्थिक जनगणना की तैयारी कर रहा है। इसके बाद गैर कृषि क्षेत्र के सभी प्रतिष्ठानों, उनके कर्मचारियों की गणना होगी।
देश में छठी आर्थिक गणना के बाद यह पहली गणना होगी। जिसमें 2013 के बाद के आंकड़े स्पष्ट रूप से सामने आएंगे। सरकार ने सातवीं आर्थिक गणना के आंकड़े जारी नहीं किए हैं।
देश में जो आठवीं आर्थिक गणना हो रही है। उसमें गैर कृषि क्षेत्र की सभी गतिविधियां शामिल की जा रही हैं। जनगणना के साथ हो रही आर्थिक गणना में दुकानों-मकानो मे चल रही आर्थिक गतिविधियों को भी शामिल किया जाएगा।
दुकानों और मकानो में गैर रजिस्टर्ड रूप से जो आर्थिक गतिविधियां हो रही हैं। उनमें कितने कर्मचारी काम कर रहे हैं। इसकी भी जानकारी इस गणना से प्राप्त होगी।
जनगणना और आर्थिक गणना में 10 लाख कर्मचारी और 4 लाख से ज्यादा सुपरवाइजर गणना के काम में लगेंगे। इसके पहले पहले आर्थिक गणना 1977 में हुई थी। उसके बाद 1980, 1990, 1998 और 2005 में हुई थी। अंतिम छठी आर्थिक गणना 2013 में हुई थी। जिसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की गई थी।
उसके बाद से आर्थिक गणना की कोई रिपोर्ट जारी नहीं हुई है। इस बार जनगणना और आर्थिक गणना के काम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई (Artificial Intelligence AI) का उपयोग किया जा रहा है। जिसके कारण यह माना जा रहा है, इसमें गलतियां कम होंगी। समय भी कम लगेगा।
पहली बार गांव से लेकर राजधानी तक की आर्थिक गणना मे शामिल
इस बार की आर्थिक गणना पहले की तुलना में कई मायनों में ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होगी। इस बार की आर्थिक गणना में राज्य, जिला, गांव और वार्ड स्तर तक की जानकारी का संकलन बेहतर तरीके से संभव होगा।
ग्रामीण और शहरी अंचलों के रोजगार को लेकर भी सटीक जानकारी प्राप्त होगी। इस बार जिओ टेंगिग (Xiao Tengg) के माध्यम से विकास का ढांचा बनाने में केंद्र एवं राज्य सरकारों को महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।