नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के भीतर मचे घमासान के बीच एक और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने किसी का नाम लिए बिना ही आलाकमान पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में सबसे जरूरी है कि पार्टी के पास स्थायी नेतृत्व हो।
उन्होंने कहा कि यदि आलाकमान कांग्रेस को राष्ट्रीय विकल्प बनाना चाहती है और पार्टी को पुनर्जीवित करना चाहती है तो नेतृत्व को चुनाव करना ही होगा।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में कोई विद्रोह नहीं है।
विद्रोह का अर्थ होता है किसी को प्रतिस्थापित करना। लेकिन यहां पार्टी अध्यक्ष पद के लिए कोई अन्य उम्मीदवार नहीं है।
यह विद्रोह नहीं बल्कि पार्टी में सुधार की प्रक्रिया है। इस दौरान उन्होंने गांधी परिवार को राहत देते हुए कहा कि “मैं गांधी को क्लीन चिट दे रहा हूं क्योंकि वे कोविड-19 के कारण अभी बहुत कुछ नहीं कर सकते हैं।
हालांकि संगठनात्मक बदलाव को लेकर उठी मांग पर काफी हद तक सहमति बनी है। उम्मीद है जल्द ही अन्य मामलों पर भी विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया जा सकेगा।
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि ‘आज हमारी पार्टी का ढांचा ढह गया है। हमें अपनी संरचना के पुनर्निर्माण की आवश्यकता है।
सिर्फ नेता बदलने से कुछ नहीं होगा। हमें स्थायी नेतृत्व के साथ बदले सिस्टम में बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध होना होगा।’
आजाद ने पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं के पांच सितारा रणनीति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी में बड़े नेताओं का कार्यकर्ताओं से सम्पर्क नहीं रह गया है।
समस्या ये है कि जब पार्टी में कोई पदाधिकारी बनता है तो वो तो वे पहले 5-सितारा होटल बुक करते हैं और वहां से रणनीति बनाते हैं। फिर लेटर पैड और विजिटिंग कार्ड छापे जाते हैं।
इस पर वो समझते हैं कि उनका काम खत्म हो गया लेकिन वास्तव में काम तो उस वक्त से ही शुरू होता है। पार्टी में जब तक इस कार्यशैली को नहीं बदला जाता जीत की उम्मीद कम ही रहेगी।
उल्लेखनीय है कि अगले महीने संभावित तौर पर कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव होना है।
इससे पहले भी अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर विवाद हो चुका है। जब 23 नेताओं ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी।