नई दिल्ली: पूर्व सूचना एवं प्रौद्योगिकी (IT) मंत्री कपिल सिब्बल ने आईटी संशोधन (IT Modification) नियमों के फैक्ट चेक प्रावधानों को लेकर केंद्र पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अब सरकार तय करेगी कि क्या फर्जी है और क्या नहीं, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Minister) अमित शाह कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में नहीं है।
इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics) और IT राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसी इंटरनेट कंपनियां (Internet Companies) अगर सरकार द्वारा अधिसूचित फैक्ट चेकर द्वारा किसी जानकारी को गलत या भ्रामक बताने के बाद उसे हटाने में नाकाम रहती हैं, तो वे अपना संरक्षण (Protection) गंवा सकती हैं।
राज्यसभा के सदस्य सिब्बल ने कहा कि अब सरकार तय करेगी कि क्या फर्जी है और क्या नहीं।
आईटी मंत्रालय एक संस्था को अधिसूचित करेगा
और अमित शाह जी कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में नहीं है। शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ब्रिटेन में की गई हालिया टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा था कि लोकतंत्र खतरे में नहीं है, बल्कि आपका परिवार तथा परिवारवाद (Familism) की राजनीति खतरे में है।
सिब्बल इसी टिप्पणी का हवाला दे रहे थे। चंद्रशेखर ने कहा था कि आईटी मंत्रालय एक संस्था को अधिसूचित करेगा, जो सरकार के संबंध में डाली गई ऑनलाइन सामग्री (Online Content) को झूठी सूचना के तौर पर चिन्हित करेगी।
IT नियम 2021 के तहत दिशा-निर्देश जारी करते हुए मंत्री ने कहा था कि फैक्ट चेक पर काम अभी जारी है।
उन्होंने नियमों को लेकर हो रही आलोचना को जानबूझकर फैलाई गई गलत सूचना बताकर उन्हें शुक्रवार को खारिज (Dismissed) कर दिया था।