अब पाकिस्तान में 5 साल से अधिक कोई सांसद नहीं रहेगा अयोग्य, नया कानून…

News Aroma Media

इस्लामाबाद : Pakistan में अब कोई भी जीवनभर के लिए संसद के अयोग्य नहीं रहेगा।

Pakistan की संसद (Senate) ने यह सुनिश्चित करने के लिए विधेयक पारित किया है।

विपक्ष ने आरोप लगाया है कि यह विधेयक पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (PM Nawaz Sharif) की देश में वापसी और आगामी चुनाव में उनकी भागीदारी का रास्ता साफ करने की कवायद है।

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (73) को 2017 में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की 5 सदस्यीय पीठ ने अयोग्य घोषित कर दिया था।

सालभर बाद सुनाए गए अदालती आदेश के बाद वह कानून के तहत जीवनभर सांसद बनने के लिए अयोग्य हो गए थे।

सांसदों की अयोग्यता को 5 साल तक सीमित करने संबंधी विधेयक पारित

नवाज शरीफ इलाज के लिए नवंबर 2019 से लंदन में रह रहे हैं।

लंदन जाने से पहले वह अल-अजीजिया भ्रष्टाचार केस (Corruption Case) में लाहौर की कोट लखपत जेल में सात साल की कैद की सजा काट रहे थे।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि संसद ने शुक्रवार को सांसदों की अयोग्यता को 5 साल तक सीमित करने संबंधी विधेयक पारित किया है।

सीनेट में विधेयक की एक प्रति शुक्रवार को पेश की

यह घटनाक्रम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) द्वारा अपने बड़े भाई नवाज शरीफ से स्वदेश लौटने, आम चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व करने और रिकॉर्ड चौथी बार देश का प्रधानमंत्री बनने की अपील करने के एक दिन बाद हुआ।

सीनेट में विधेयक की एक प्रति शुक्रवार को पेश की गई।

इसमें चुनाव अधिनियम 2017 की धारा-232 (योग्यता व अयोग्यता) में संशोधन का प्रस्ताव शामिल है।

निर्वाचन आयोग को चुनाव की तारीख घोषित करने का अधिकार देने वाले संशोधन को दी मंजूरी

संशोधनों के मुताबिक, अगर संविधान में अयोग्यता के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है, तो किसी व्यक्ति के संसद का सदस्य बनने की योग्यता संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत निर्धारित मानदंडों के अनुसार तय की जाएगी।

अदालत के फैसले के माध्यम से अयोग्य ठहराए गए किसी भी व्यक्ति को फैसले की घोषणा के दिन से अधिकतम पांच साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा।

संशोधनों के अनुसार, अनुच्छेद 62(1)(F) के तहत अयोग्यता 5 साल से अधिक नहीं होगी। सीनेट ने इसी के साथ पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (Election Commission of Pakistan) को चुनाव की तारीख घोषित करने का अधिकार देने वाले संशोधन को भी मंजूरी दी है।