चंडीगढ़ : Government of Punjab ने सोमवार को स्वर्ण मंदिर से गुरबाणी का प्रसारण (Broadcasting of Gurbani) सभी के लिए मुफ्त करने के लिए सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 में संशोधन को मंजूरी दे दी।
मंगलवार को चर्चा और पारित करने के लिए विधेयक को विधानसभा (Assembly) के विशेष सत्र में पेश किया जाएगा। सिखों की शीर्ष धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरकार से धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने कहा कि गुरबाणी का प्रसारण करने का संकल्प एक ऐतिहासिक निर्णय है, जिसका उद्देश्य अमृतसर में श्री हरमंदर साहिब से पवित्र गुरबाणी का Free-To-Air प्रसारण सुनिश्चित करना है।
गुरुद्वारा अधिनियम में संशोधन करने का कोई अधिकार नहीं
उन्होंने कहा कि सिख गुरुद्वारा संशोधन अधिनियम (Gurdwara Amendment Act) 2023 के अनुसार, गुरबाणी का प्रसारण भारत और विदेशों में फ्री-टू-एयर होगा। उन्होंने कहा कि प्रसारकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि गुरबाणी के वीडियो या ऑडियो प्रसारण के आधे घंटे पहले और बाद में कोई विज्ञापन प्रसारित न हो।
SGPC के इस आरोप पर कि राज्य सरकार को 1925 के सिख गुरुद्वारा अधिनियम में संशोधन करने का कोई अधिकार नहीं है, मान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 2014 के अपने फैसले में यह स्पष्ट कर दिया है कि यह एक अंतर-राज्य अधिनियम नहीं, बल्कि एक राज्य अधिनियम है।
गुरबाणी के प्रसारण पर कोई शब्द नहीं
उन्होंने कहा कि 1925 के सिख गुरुद्वारा अधिनियम में गुरबाणी (Gurbani) के प्रसारण पर कोई शब्द नहीं है।
उन्होंने कहा कि 2012 में बादल परिवार के स्वामित्व वाले एक TV Channel को 11 साल के लिए गुरबाणी प्रसारित करने के विशेष अधिकार देने के लिए इसका दुरुपयोग किया गया था।
उन्होंने कहा, नतीजतन, सिखों को इस चैनल की सदस्यता लेनी पड़ती है, जो महंगा है, क्योंकि इसे तीन से चार अन्य चैनलों के साथ जोड़ा जाता है। यह मुफ्त होना चाहिए।
मान ने कहा…
मान ने कहा कि अब SGPC गुरबाणी (SGPC Gurbani) के प्रसारण के लिए टेंडर जारी करने की बात कर रही है, लेकिन बादल परिवार को फिर से टेंडर (Tender) के माध्यम से विशेष अधिकार मिल सकते हैं।
कैबिनेट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए SGPC प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कहा, यह (Gurdwara Act) केवल केंद्र द्वारा संशोधित किया जा सकता है,पंजाब सरकार को ऐसा करने का अधिकार नहीं है।