Pegasus Case: पेगासस मामले (Pegasus Case) में व्हाट्सएप की बड़ी जीत की सूचना है. NSO ग्रुप टेक्नोलॉजीज को हैकिंग के मामले (NSO Group Technologies hacking cases) में दोषी पाया गया है . ये स्पाइवेयर पीड़ितों के लिए भी बड़ी जीत है.
यह फैसला शुक्रवार (20 दिसंबर) को आया और Meta के मैसेजिंग ऐप द्वारा 2019 में अमेरिका में दायर हाई-प्रोफाइल मुकदमे में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.
अटैक किया गया था उनमें पत्रकार, मानवाधिका कार्यकर्ता और कई सरकारी अधिकारी भी शामिल थे. आपको बता दें कि पेगासस शुरू से ही किसी फोन या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (Electronic Device) पर गुप्त तरीके से नजर रखने और जानकारियां जुटाने के लिए जाना जाता है. और इस स्पाइसवेयर का उस दौरान Whatsapp के जरिए लोगों से जुड़ी जानकारी चुराने के लिए इस्तेमाल किया गया था.
इस कारण कोर्ट ने माना दोषी
इस मामले की सुनवाई के दौरान यूएस डिस्ट्रिक्ट जज फिलिस हैमिल्टन ने Whatsapp के पक्ष में फैसला सुनाते हुए NSO ग्रुप को राज्य और संघीय हैकिंग कानूनों के उल्लंघन के लिए दोषी पाया है.
साथ ही अदालत ने ये भी माना है कि NSO ग्रुप ने व्हाट्सएप की सेवा शर्तों और अमेरिकी कंप्यूटर फ्रॉड और एब्यूज एक्ट का भी उल्लंघन किया है. कोर्ट के इस फैसले से इस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी और उसके मालिक को बड़ा झटका लगा है.
कोर्ट ने क्या कुछ कहा
आपको बता दें कि इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए जज हैमिल्टन ने कहा कि NSO ग्रुप ने कानूनी प्रक्रिया में बाधा डाली है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि उसने Whatsapp को स्पाइसवेयर का सोर्स कोड नहीं दिया है. जबकि कोर्ट ने उसे 2024 के शुरुआत तक ये कोड देने के लिए कहा था.
हमें पता चला है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी कंपनी ने कोड यहां नहीं दिया और इसकी बजाय कंपनी ने कोड को केवल इजरायल में उपलब्ध कराया और इसकी समीक्षा सिर्फ इजरायली नागिरकों तक सीमित रखी. हमारे मुताबिक ये पूरी तरह से अव्यवहारिक है.
इस फैसले के क्या हैं मायने
अमेरिकी कोर्ट के इस फैसले से ये तो साफ हो गया है कि पेगासस आज के दौर में किसी के भी मोबाइल में घुसकर वहां मौजूद जरूरी जानकारी निकाल सकता है.
साथ ही जिस तरह से इस स्पाइसवेयर को बनाने वाली कंपनी ने अमेरिका की कोर्ट की बात ना मानते हुए संबंधित कोड मेटा को उपलब्ध नहीं कराया, उससे ये भी साफ हो जाता है कि पेगासस किसी देश के कानून और वहां के कोर्ट के आदेश को अपने ऊपर लागू नहीं करता है.
अमेरिकी कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद अब दुनिया के कई देश भी पेगासस पर अपनी नजर रखेंगे और जरा भी संदेह होने पर वह उसकी जांच कराने के लिए, अमेरिकी कोर्ट के आदेश को आधार बना सकते हैं.
क्या होता है पेगासस?
पेगासस स्पाइसवेयर एक जासूसी सॉफ्टवेयर होता है. जिसकी मदद से किसी भी डिवाइस का अनऑथराइज्ड एक्सेस हासिल किया जा सकता है.
इस स्पाइसवेयर यानी जासूसी सॉफ्टवेयर (Spy Software) के जरिए फोन के कैमरे, माइक, मैसेज और कॉल्स का एक्सेस हैकर्स को मिल जाता है और इसकी मदद से आपके फोन के अंदर से कई अहम जानकारियों को चुरा सकते हैं. गौरतलब है कि इस स्पाइसवेयर को इजरायल के NSO ने बनाया था.