नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि नए दिशा-निर्देशों के अनुसार यदि किसी महिला की ‘नग्न या मॉफ्र्ड तस्वीर’ सोशल मीडिया पर डाली जाती है तो इसे 24 घंटे के अंदर हटाना होगा। मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में ये बात कही।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में इंटरनेट साम्राज्यवाद स्वीकार नहीं है और सरकार इस पर एकाधिकार नहीं होने देगी।
उन्होंने यह भी साफ किया कि देश में चुनावों को प्रभावित करने का कोई खतरा नहीं है क्योंकि मंत्रालय चुनाव आयोग के साथ मिलकर काम कर रहा है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कोई भी सामग्री जो भारत विरोधी है या पब्लिक ऑर्डर के खिलाफ है, उसे नए दिशानिर्देशों के अनुसार 36 घंटे के अंदर हटा देना चाहिए।
कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों को उपयोगकर्ताओं को सत्यापित करने के लिए कहा गया है ताकि कोई भी फर्जी खबर या नफरत फैलानी वाली सामग्री पोस्ट न कर सके।
उन्होंने कहा कि यह स्वैच्छिक होगा और सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी।
मंत्री ने कहा कि सरकार आलोचनाओं का सामना करने के लिए तैयार है। इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने मंत्री से पूछा कि यदि उपयोगकर्ता फर्जी है, तो उसकी पहचान कैसे होगी। इस पर मंत्री ने कहा, “इसकी जिम्मेदारी कंपनी पर होगी।”