खूंटी: उपायुक्त शशि रंजन के के निर्देश पर जिले के सभी प्रखंडों में व्यापक रूप से पोषण अभियान चलाया जा रहा है।
पोषण पखवाड़ा का उद्देश्य लोगों में पोषण संंबंधी जानकारी व व्यवहार परिवर्तन है, ताकि कुपोषण के उन्मूलन में आगे कदम बढ़ाया जा सके।
अभियान के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को उनके खानपान की जानकारी दी जा रही है, ताकि शिशु में कुपोषण को शुरुआती दौर में ही रोका जा सके।
पोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर अधिकाधिक संख्या में माताओं, किशोरियों तथा बच्चों को पोषण से संबंधित जानकारियां उपलब्ध करायी जा सके।
आमतौर पर किसी भी बच्चे के लिए 1000 दिन महत्वपूर्ण होते हैं, जन्म से पूर्व नौ महीने तथा जन्म के बाद दो वर्ष महत्वपूर्ण होते हैं।
इन 1000 दिनों में माता एवं बच्चों के पोषण से संबंधित ध्यान रखना अतिआवश्यक है। इसकी शुरूआत गर्भधारण से ही
प्रारंभ होती हैए जब माताओं को अपना चेकअप करना एवं अपने बच्चें के विकास पर ध्यान देना होता है।
साथ ही चिकित्सक की सलाह लेना भी जरूरी है। गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव के लिए सेविकाध्सहायिका मदद करती है।
संस्थागत प्रसव के पश्चात बच्चे के पोषक तत्व व संबंधित जानकारी पोषण पखवाड़ा के माध्यम से दी जा रही है।
इसके अतिरिक्त बच्चों के खान-पान एवं कुपोषण से होने वाले दुष्परिणामों व पौष्टिक आहार की जानकारी दी जा रही है।
प्रथम छह महीने माता का दूध बच्चें के विकास लिए सर्वोत्तम होता है। बच्चे के जन्म के तीन वर्ष तक उसे घर का खाना उपलब्ध कराया जाता है।
तत्पश्चात आंगनबाड़ी केंद्र में उसका नामांकन कराया जाता है। आंगनबाड़ी केंद्र के जरिए बच्चे को उचित पौष्टिक आहार दिया जाता हैए साथ ही बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा भी दी जाती है।