नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में लावण्या को न्याय दिलाने तथा तमिलनाडु में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार हुए छात्रों की रिहाई के लिए न्याय मार्च निकाला।
हालांकि इस बीच अभाविप कार्यकर्ताओं को अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया।
तमिलनाडु में 17 वषीर्या छात्रा लावण्या ने आत्महत्या कर ली थी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि लावण्या पर धर्मांतरण के लिए दबाव बनाया जा रहा था, जिससे दुखी होकर 17 वर्षीय लावण्या ने आत्महत्या की।
इस प्रकरण से क्षुब्ध छात्र लावण्या को न्याय दिलाने के लिए जनवरी से ही लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में छात्राएं शामिल हैं।
इसी क्रम में सोमवार को अभाविप ने दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में न्याय मार्च निकालकर लावण्या को न्याय दिलाने तथा तमिलानाडु में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार हुए कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की।
उधर सोमवार दोपहर को ही तमिलनाडु के जिला न्यायालय ने अपने एक निर्णय में सभी 33 गिऱफ्तार अभाविप कार्यकर्ताओं को बिना शर्त जमानत पर रिहा कर दिया।
अभाविप ने कहा की, जैसा की सर्वविदित है की लावण्या के न्याय के लिये हम पिछले कई दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं तथा लावण्या के न्याय के लिए हमने हर संभव प्रयास भी किया है।
हम जि़ला न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं पर साथ ही यह ऐलान करते हैं की लावण्या की लड़ाई निरंतर जारी रहेगी।
तमिलनाडु सरकार के पक्षपाती रवैये ने देश की छात्राओं को निराश किया है पर छात्र न्याय के लिए प्रतिबद्ध है।
तमिलनाडु में आत्महत्या करने वाली छात्रा लावण्या को न्याय दिलाने की मांग करते हुए सैकड़ों छात्र मंगलवार 15 फरवरी को दिल्ली स्थित तमिलनाडु भवन के बाहर एकत्र हुए थे।
नाराज छात्रों ने यहां तमिलनाडु सरकार और ईसाई मिशनरियों के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों ने आरोप लगाया की लावण्या पर जबरन धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव बनाया गया, जिसके कारण वह आत्महत्या करने पर मजबूर हुई।
छात्र चाहते हैं कि लावण्या की आत्महत्या से जुड़े इस प्रकरण में सी. बी. आई जांच सुनिश्चित की जाए।