मार्च भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर से शुरू किया गया है और मार्च 24 दिसंबर को लड़की के पैतृक गांव जादूपुर में समाप्त होगा।
भाजपा मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने और आरोपी को बचाने के आरोप में मंत्री अरुण कुमार साहू के इस्तीफे की मांग कर रही है।
महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनाथी श्रीनिवासन ने कहा, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) पहले ही संकेत दे चुका है कि मामले में राज्य की जांच उचित नहीं थी।
हम सीबीआई जांच की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती, हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि एनसीपीसीआर ने हत्या की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की सिफारिश की थी, क्योंकि यह कथित रूप से पाया गया था कि पुलिस जांच में गंभीर खामियां थीं।
सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने मार्च पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी अनावश्यक रूप से इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है।
बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी।
लेकिन, विपक्ष को इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी की अगुवाई वाली सरकार ने हाथरस के अपराध को कैसे संभाला। उन्हें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।
शीतकालीन सत्र के दौरान नाबालिग लड़की के माता-पिता ने विधानसभा के सामने आत्मदाह का प्रयास करने के बाद नाबालिग लड़की की मौत का मामला एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि साहू उनकी बेटी की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को बचा रहे थे।