नई दिल्ली: Odisha के बालासोर में ट्रेन हादसे (Balasore Tain Accident) के बाद रेलवे सिक्योरिटी सिस्टम पर सवाल उठने लगा है।
देश के CAG की एक ऑडिट रिपोर्ट (Audit Report) के अनुसार 2017-18 और 2020-21 के बीच देश भर में 217 ऐसी रेल दुर्घटनाएं हुईं, जिसमे जानमाल (Consequential Train Accidents) का नुकसान हुआ हो।
इसमें से हर 4में से लगभग 3 दुर्घटना ट्रेन की पटरी से उतरने के कारण हुईं। गौरतलब है कि CAG की यह रिपोर्ट दिसंबर 2022 में संसद में पेश की गई थी।
5 वर्षों में 2017 हादसे
रिपोर्ट बताती है कि 2017 के बाद मार्च 2021 तक कुल 2017 रेल दुर्घटना हुई, जिसमें 1392 घटनाएं ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण हुई।
CAG ने कहा कि ट्रैक नवीकरण कार्यों के लिए धन के आवंटन में वर्षों से गिरावट आई है और यहां तक कि इन फंड्स (Funds) का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे बोर्ड ट्रेन दुर्घटनाओं को दो श्रेणियों में वर्गीकृत करता है, जिनमे Consequential Train Accidents’ and ‘Other Train Accidents’ शामिल है।
गंभीर रेल दुर्घटनाओं में शामिल हैं: (A) मानव जीवन की हानि, (B) मानव चोट, (C) रेलवे संपत्ति की हानि और (D) रेलवे में ट्रैफ़िक रुकावट।
2017 के बाद मार्च 2021 तक कुल 2017 रेल दुर्घटना (217 Consequential Train Accidents & 1800 Other Train Accidents) हुई, जिसमें 1392 घटनाएं ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण हुई।
सिक्योरिटी पर लगातार कम किया गया खर्च
रिपोर्ट के मुताबिक, मुताबिक ट्रैक के नवीनीकरण कार्यों (Upgrade Works) के लिए 2018-19 में 9607.65 करोड़ रुपए का धन आवंटित किया गया।
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लेकिन 2019-20 में घटकर 7417 करोड़ रुपए हो गया। इस धनराशि का पूरा उपयोग भी नहीं हुआ है।
जबकि CAG की रिपोर्ट बताती है कि 1129 ट्रेन डिरेलमेंट (Train Derailment) की घटनाओं में से 289 डिरेलमेंट ट्रैक के नवीनीकरण से जुड़े थे।
Audit में 16 क्षेत्रीय रेलों पर चयनित 1129 मामलों/दुर्घटनाओं में पटरी से उतरने के लिए जिम्मेदार 23 कारण का भी पता चला।
23 कारणों में से पटरी से उतरने के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारण ‘ट्रैक के रखरखाव’ (167 मामले) से संबंधित था।
इसके बाद 149 मामले ट्रैक के सही न होने और फिर 144 मामले खराब ड्राइविंग/ओवर स्पीडिंग (Driving/Over Speeding) के मामले थे।”