ओडिशा में रेल हादसा: कामाख्या एक्सप्रेस के 11 डिब्बे पटरी से उतरे, दो घायल रेलवे सुरक्षा पर फिर उठे सवाल, जांच के आदेश जारी

ओडिशा में कामाख्या एक्सप्रेस का बड़ा हादसा – रेलवे सुरक्षा पर फिर उठे सवाल, क्या यह मानवीय लापरवाही थी या प्राकृतिक आपदा? जांच के आदेश जारी

Smriti Mishra
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Train Accident in Odisha :ओडिशा में एक भीषण रेल दुर्घटना में कई यात्रियों की जान चली गई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। यह हादसा रविवार देर रात बालासोर जिले में हुआ, जहां एक यात्री ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए और विपरीत दिशा से आ रही एक मालगाड़ी से टकरा गए।

हादसे का विवरण

प्रत्यक्षदर्शियों और रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह दुर्घटना उस समय हुई जब कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी आपस में टकरा गईं। इस भीषण टक्कर में ट्रेन के कई डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और यात्री उसमें फंस गए। हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई और आसपास के लोग मदद के लिए दौड़ पड़े।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में यह तकनीकी खराबी या सिग्नलिंग फेलियर का मामला हो सकता है, लेकिन सही कारणों का पता विस्तृत जांच के बाद ही चलेगा।

बचाव कार्य और राहत अभियान

हादसे के तुरंत बाद रेलवे और प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), और रेलवे की विशेष बचाव टीमें घटनास्थल पर पहुंचकर फंसे हुए यात्रियों को निकालने में जुट गईं। स्थानीय प्रशासन ने भी घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराने के लिए एंबुलेंस और मेडिकल टीम तैनात की।

रेलवे मंत्री ने ट्वीट कर कहा, “हम इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना से गहरा दुखी हैं। सभी घायलों और पीड़ितों को हरसंभव सहायता दी जाएगी।” उन्होंने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

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घायलों का उपचार और सरकार की सहायता

  • ओडिशा के मुख्यमंत्री ने हादसे पर दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की।
  • मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा।
  • गंभीर रूप से घायलों को ₹2 लाख, जबकि सामान्य रूप से घायलों को ₹50,000 की सहायता राशि दी जाएगी।
  • रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिससे परिजन अपने प्रियजनों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • रेलवे सेवाओं पर प्रभाव

इस हादसे के कारण कई ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुई हैं। रेलवे ने यात्रियों की असुविधा को देखते हुए वैकल्पिक परिवहन सेवाओं की व्यवस्था की है। कुछ ट्रेनों का रूट बदल दिया गया है, जबकि कुछ को अस्थायी रूप से रद्द कर दिया गया है।

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि पटरी को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के लिए इंजीनियरिंग टीमें काम कर रही हैं ताकि प्रभावित मार्गों पर परिचालन दोबारा शुरू किया जा सके।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ

इस बड़े रेल हादसे को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने रेलवे की लचर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और सरकार से रेलवे संरचना को और मजबूत करने की मांग की है। वहीं, प्रधानमंत्री ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया।

सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी राहत कार्यों में योगदान दिया। स्थानीय लोग रक्तदान और आपातकालीन सहायता के लिए आगे आए, जिससे घायलों के उपचार में मदद मिली।

 

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