‘हे भगवान’! RIMS में डेड बॉडी के साथ किया जा रहा था डेंगु पीड़ित बच्चे का इलाज

Newswrap

रांची: रिम्स (RIMS) के पीडियाट्रिक आईसीयू (Pediatric ICU) में चार घंटे (4hrs) से एक ही बेड में शव और मरीज के रखने का मामला प्रकाश में आया है।

घटना की जानकारी शनिवार को जब मीडिया को मिली तो आनन-फानन में शव को बेड से हटाया गया। वहीं जिस बेड पर आदित्य का शव रखा हुआ था, उसी बेड पर गढ़वा के मझीआंव से आए साढ़े चार साल के बच्चे का भी इलाज चल रहा था।

मां ने कहा- समस्या ऐसी है कि शव के साथ मेरे बच्चे का इलाज किया जा रहा?

बच्चे की मां ने कहा कि डेंगू (Dengue) होने के बाद उसका प्लेटलेट्स (Platelets) 22 हजार (22000) पहुंच गया है। इलाज के लिए RIMS लेकर आयी हूं।

गरीबी ने यहां तक पहुंचा दिया है। समस्या ऐसी है कि शव के साथ मेरे बच्चे का इलाज किया जा रहा है। किसी के मासूम की मौत का दर्द मुझे भी हो रहा है और शव के साथ अपने बच्चे का इलाज होता देख डर भी लग रहा है।

शव को ले जाने के लिए रिम्स (RIMS) प्रबंधन के तरफ से ट्रॉली (Trolley) तक नहीं दिया गया।

लिफ्ट में आदित्य की हो गयी मौत

मृतक आदित्य के चाचा ने कहा कि शव को गोद में लेकर एंबुलेंस (Ambulances) तक गये हैं। शव बिहार के गया के विष्णुपद मंदिर (Vishnupad Temple) के समीप के रहने वाले 12 वर्षीय आदित्य का था।

मृतक के चाचा रिंटू पटेल ने कहा कि बच्चे को किडनी (Kidney) की समस्या थी। शनिवार सुबह इलाज के लिए रिम्स लाया था। डॉक्टरों ने कहा कि यहां डायलिसिस (Dialysis) होने में काफी वक्त लगेगा।

जान बचाने के लिए प्राइवेट अस्पताल (Private Hospital) ले जाइये। ऐसे में रिंटू ने बच्चे को प्राइवेट हॉस्पिटल में डायलिसिस के लिए ले जाने का निर्णय लिया।

डायलिसिस के लिए आदित्य को टॉली के माध्यम से लिफ्ट में ले जाया गया। इसी बीच ग्राउंड फ्लोर (Ground Floor) पर आते ही लिफ्ट झटका खाकर अटक गया और आदित्य की मौत हो गयी।

RIMS के PRO ने कहा- वार्ड में हुई बच्चे की मौत

इस संबंध में RIMS के पीआरओ राजीव रंजन ने बताया कि नियमानुसार शव को बेड से आधे घंटे कें अंदर शिफ्ट करने का स्पष्ट आदेश है। विलंब की वजह जानने के लिए जांच का आदेश दिया गया है। लिफ्ट में बच्चे की मौत नहीं हुई है। वार्ड में ही बच्चे की मौत हुई है।