Ajab Gajab : एक ओर जहां दुनिया में हम दो, हमारे दो के कॉन्सेप्ट (Concept) को बदलकर हमारा एक की के कांसेप्ट को अपनाने की अपील की जा रही है।
वहीं दूसरी ओर एक शख्स ऐसा है जो इस अवधारणा से कोसों दूर निकल चुका है। इस शख्स के इतने बीवी-बच्चे (Wife and Children) हैं कि यह जानकर हर कोई हैरान हो जाएगा।
यह शख्स Yungada का रहने वाला है और इसका नाम मूसा हसाया (Musa Hasaya) है। मूसा की 12 बीवियां और कुल 102 बच्चे हैं। (12 Wives And 102 Children) इसके साथ ही 568 नाती-पोते भी हैं।
लेकिन 68 साल का मूसा (Musa ) भी इस परिवार बढ़ोतरी से थक गया है। वह अब अपना परिवार नहीं बढ़ाना चाहता। उसने अपनी सभी पत्नियों से कह दिया है कि अब बस।
मूसा हसाया को सता रही है भविष्य की चिंता
मूसा हसाया को गम इस बात का है कि उनका स्वास्थ्य (Health) बिगड़ रहा है, जिसकी वजह से वह अपना परिवार नहीं चला पा रहे हैं। वह अपने परिवार के पूरे सदस्यों का नाम भी याद नहीं रख पाते हैं।
यहां तक कि उन्हें अपने सभी बच्चों तक का नाम याद नहीं है। मूसा का पूरा परिवार एक गांव में रहता है। युगांडा के बुटालेजा (Butaleja) जिले के बुगिसा गांव में रहने वाले इस परिवार में अब सैकड़ों लोग है।
मूसा हसाया ने कहा है कि अब उन्हें परिवार चलाने में मुश्किलें आ रही हैं क्योंकि उनके पास महज 2 एकड़ जमीन है और परिवार सैकड़ों में है। उनकी दो पत्नियों ने साथ छोड़ दिया क्योंकि ये उनकी बुनियादी जरूरतें नहीं पूरी कर पा रहे थे। अब वह अपने बच्चों को खाना, एजुकेशन और कपड़े (Food, Education and Clothing) तक नहीं मुहैया करा पा रहे हैं।
पश्चाताप कर रहे हैं मूसा
मूसा हसाया बेरोजगार (Unemployed) हैं, उनके पास फिलहाल कोई काम नहीं है। उनका गांव, पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है क्योंकि लोग दूर-दूर से उनके परिवार को देखने आते हैं।
मूसा का कहना है कि आगे ज्यादा परिवार न बढ़े इसलिए उनकी पत्नियां बर्थ कंट्रोल (Birth Control) पर काम कर रही हैं। मूसा हसाया बच्चे पैदा करके पश्चाताप कर रहे हैं।
वह कहते हैं, मेरी पत्नियां अब गर्भ निरोधक (Contraceptive) लेती हैं लेकिन मैं नहीं लेता। मुझे और बच्चे होने की उम्मीद नहीं हैं क्योंकि मैंने इतने सारे बच्चे पैदा करके लापरवाही की है। मैंने यह सीखा है कि मैं उनकी देखभाल नहीं कर सकता हूं।
कैसा है मूसा हसाया का गांव?
मूसा हसाया एक टूटे-फूटे घर (Dilapidated house) में रहते हैं। उनके घर की छत टूटी-फूटी है। लोहे की पाइप लगी है। उनके आसपास दो दर्जन घास-फूस की मिट्टी की झोपड़ियां हैं। उसी में अलग-अलग घरों में उनका परिवार रहता है। उन्होंने खुद का अपना गांव बसा लिया है।