Omicron New subvariant : कोरोना (Corona) ने पिछले 3-4 सालों में खूब तबाही मचाई है। जिसकी भरपाई हम आज तक कर रहे हैं। कोरोना के जाने से लोगों ने चैन की साँस ली थी।
लेकिन शायद COVID-19 को ये मंजूर नहीं था। WHO ने फिर से कोरोना को लेकर New Update दिया है।
हाल ही में WHO ने अपने Weekly Update में कहा है कि दुनिया भर में रिपोर्ट किए गए नए COVID-19 मामलों की संख्या में पिछले महीने 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब तक 39 देशों में पाया गया है नया वैरिएंट “EG .5.1” ।
WHO की चेतावनी
WHO ने चेतावनी देते हुए कहा है, ‘वायरस फैलता रहेगा और म्यूटेट (Mutate) होता रहेगा। इससे अस्पताल में भर्ती होने और कभी-कभी मौत के आंकड़ों में भी वृद्धि देखने भी मिल सकती है।
रिपोर्ट किए गए मामलों और मौतों की एकदम सटीक संख्या बताना मुश्किल है क्योंकि महामारी के पहले चरण की तुलना में अभी बहुत कम टेस्टिंग और मॉनिटरिंग (Testing and Monitoring) हो रही है।’
आ गया EG .5 सब-वैरिएंट
नए कोविड वैरिएंट (New Covid Variants) को लेकर चिंताएं हैं। इसकी उत्पत्ति XBB1.9 से हुई है। हालांकि भारत में इसका कोई बड़ा असर नहीं है।
हमारी नई रिसर्च से पता चलता है कि इस Sub-Variant का एक मामला था जो मई में पाया गया था और हो सकता है, वह शख्स देश के बाहर से आया हो।
स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन के कारण ऐसा लगता है कि यह अन्य फैलने वाले वैरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रमक है।
WHO ने कहा है कि इस सब-वैरिएंट में इम्यूनिटी (Immunity) को चकमा देने की क्षमता है लेकिन ऐसा कोई संकेत नहीं है कि EG .5.1 अधिक गंभीर कोविड लक्षणों का कारण बन सकता है।
नया वैरिएंट चिंता का विषय
WHO ने बताया, ‘Omicron Variantके Sub-variant EG .5.1 के कारण अमेरिका और ब्रिटेन में मामले बढ़े हैं।
जून 2023 के मध्य में इस EG .5 के 7.6 प्रतिशत मामले थे जो जुलाई के मध्य में 17 प्रतिशत से अधिक हो गए थे। यानी कि एक महीने में ही EG .5.1 के कुल मामलों में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। ‘
भारत में अभी तक EG .5.1 वैरिएंट का केवल एक मामला सामने आया है जो मई 2023 में सामने आया था। WHO ने 19 जुलाई 2023 को EG .5.1 पर बारीकी ने नजर रखने के लिए कहा था।
WHO चीफ टेड्रोस एडनॉम घेबियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने चेतावनी दी कि ‘आने वाले समय में अधिक खतरनाक वैरिएंट उभरने का खतरा बना हुआ है जो मामलों और मौतों में अचानक वृद्धि का कारण बन सकता है।’ EG .5.1 वैरिएंट क्या है और इसके लक्षण क्या हैं? इस बारे में भी जान लीजिए।
EG .5.1 वैरिएंट की संक्रामकता और लक्षण
EG.5.1 वैरिएंट के लक्षणों और गंभीरता का आंकलन करने के लिए UKHSA और WHO EG.5.1 की निगरानी कर रहे हैं।
डॉ. कार्यकार्टे (Dr. Karyakarte) ने कहा, ‘अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि EG .5.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन रहा है, हॉस्पिटल में एडमिट होने या मृत्यु का जोखिम बढ़ रहा है।
डॉ. पुजारी ने बताया, ‘ऐसा लगता है कि यह अधिक संक्रामक है लेकिन यह वैरिएंट Vaccination वाले व्यक्तियों में गंभीर बीमारी का का कारण नहीं बनता। हालांकि, मामलों की अधिक संख्या होने से लॉन्ग कोविड के मामले बढ़ सकते हैं।’
EG .5.1 वैरिएंट के लक्षण और बचने के उपाय
WHO के मुताबिक, EG .5.1 वैरिएंट के मुख्य लक्षण गले में खराश, बहती या बंद नाक, छींक आना, सूखी खांसी, सिरदर्द और शरीर में दर्द हैं लेकिन अधिकांश मरीजों को बुखार और सांस फूलने (Fever and Shortness of Breath) की समस्या भी हो रही है।
बुजुर्ग, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग और गर्भवती महिलाओं को इस वैरिएंट से जोखिम हो सकता है।
वैक्सीनेशन, हाथ साफ रखना, सोशल डिस्टेंसिंग, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना, मास्क पहनना इस वैरिएंट से बचने का अच्छा Options है। अगर किसी को किसी भी प्रकार की सांस संबंधी बीमारी है तो घर पर रहना उसके लिए अच्छा तरीका है।
संक्रामक रोग विशेषज्ञ, डॉ. अमित द्रविड़ के अनुसार, ‘वर्तमान में कई बीमारियों के मामले सामने आ रहे हैं जिसमें H3N2, H1N1, डेंगू और टाइफाइड (Dengue and Typhoid) भी शामलि हैं इसलिए सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों को भी मेडिकल सहायता लेनी चाहिए ताकि उसके कारण का पता लग पाए। साथ ही कोरोना की टेस्टिंग और स्क्रीनिंग भी करानी चाहिए।’