ASI Conducted survey of Sambhal Jama Masjid: उत्तरप्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद (Jama Masjid) को लेकर तनाव जारी है।
यहां मुगल शासक बाबर के समय में बनी जामा मस्जिद पर विवाद है कि यहां पहले हरि हर मंदिर था, जहां पर मस्जिद का निर्माण कराया गया था।
इस लेकर हिंदू पक्ष की ओर से एक वकील ने कोर्ट में सर्वे की मांग के साथ स्थानीय कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद में कोर्ट ने सर्वे (Survey) का आदेश जारी किया था, इस लेकर इलाके में तनाव पैदा हो गया था।
अब मामले में ASI ने जो सर्वे किया उस आधार पर विभिन्न संशोधनों और हस्तक्षेपों को लेकर हलफनामा पेश किया है। इसके मुताबिक, जामा मस्जिद को 1920 में संरक्षित स्मारक घोषित किया गया था।
वर्ष 1998 में पहली बार स्मारक का किया था निरीक्षण
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने संभल स्थित जामा मस्जिद में किए गए विभिन्न संशोधनों और हस्तक्षेपों को लेकर हलफनामा पेश किया है। एएसआई के अनुसार, जामा मस्जिद को 1920 में एक संरक्षित स्मारक घोषित किया गया था, लेकिन इसके बाद से स्मारक में कई बदलाव हुए हैं।
ASI को मस्जिद में नियमित निरीक्षण करने से प्रतिबंधित किया गया था, और यहां तक कि ASI अधिकारियों को भी निरीक्षण के उद्देश्य से मस्जिद में प्रवेश की अनुमति नहीं थी।
लेकिन जिला प्रशासन के सहयोग से ASI ने वर्ष 1998 में पहली बार स्मारक का निरीक्षण किया था। इसके बाद, सबसे हालिया निरीक्षण 25 जून 2024 को हुआ।
ASI के अधीक्षण पुरातत्वविद्, VS Rawat द्वारा दायर हलफनामे में बताया गया है कि जब भी यहां किसी आधुनिक हस्तक्षेप की गतिविधि देखी गई, तब स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कर जिम्मेदारों को कारण बताओ Notice जारी किए गए।
ASI के अधिकारियों ने बताया कि प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत स्मारक की वर्तमान स्थिति का पता लगाना बेहद कठिन हो गया है, क्योंकि स्मारक में विभिन्न हस्तक्षेप, परिवर्धन और संशोधन किए गए हैं। ASI के निरीक्षण में पाया गया कि जून 2024 में किए गए कुछ हस्तक्षेपों का रिकॉर्ड मौजूद है।