Sarhul festival: मुख्यमंत्री Hemant Soren ने मंगलवार को आदिवासी कॉलेज छात्रावास (Aadiwasi College Hostel) परिसर करमटोली में आयोजित सरहुल पूजा महोत्सव में हिस्सा लिया।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पर्व-त्योहार हमारी परंपरा, सभ्यता-संस्कृति और आस्था से जुड़े हैं, जो जीवन में उमंग, उत्साह और उल्लास का संचार करते हैं।
उन्होंने सरहुल को प्रकृति पर्व बताते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने इसकी परंपराओं को मजबूती दी, जिसे हमें विरासत के रूप में आगे बढ़ाना है।
पूजा-अर्चना और पौधरोपण के साथ प्रकृति संरक्षण का संदेश
मुख्यमंत्री ने पारंपरिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर राज्य के विकास, सुख-समृद्धि और शांति की कामना की। परिसर में सखुआ का पौधा लगाकर उन्होंने प्रकृति से जुड़े रहने का संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि झारखंड के बेहतर भविष्य के लिए अगले 25 वर्षों को ध्यान में रखकर योजनाबद्ध तरीके से काम करना होगा। साथ ही, राज्यवासियों को सरहुल महापर्व की शुभकामनाएं दीं।
व्यस्त जीवन में परंपरा से जुड़ाव जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की व्यस्त जिंदगी में समय कम है, लेकिन परंपरा और संस्कृति से जुड़े रहने के लिए वक्त निकालना जरूरी है।
इससे आपसी रिश्ते मजबूत होते हैं और आने वाली पीढ़ियों को बेहतर भविष्य मिलता है। उन्होंने छात्रावास में हर साल धूमधाम से सरहुल मनाए जाने की परंपरा की सराहना की और इसे खुशियों को बांटने का अवसर बताया।
छात्रावासों के लिए मल्टी स्टोरी बिल्डिंग का ऐलान
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए सभी छात्रावासों के जीर्णोद्धार की बात कही। उन्होंने घोषणा की कि आदिवासी कॉलेज छात्रावास करमटोली और महिला कॉलेज छात्रावास में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग (Multi Story Building) बनाई जाएगी।
विद्यार्थियों से कहा, “आप सिर्फ पढ़ाई की चिंता करें, बाकी व्यवस्था सरकार करेगी। सही दिशा में आगे बढ़ें, सरकार आपके साथ है।”
इस मौके पर कृषि मंत्री शिल्पा नेहा तिर्की और विधायक कल्पना सोरेन ने भी पूजा-अर्चना कर राज्य की खुशहाली की कामना की।