One Nation One Election: One Nation One Election बिल अब सोमवार को लोकसभा में पेश नहीं होगा। इस बिल को लोकसभा की संशोधित सूची से हटा दिया गया है।
पहले इसे सोमवार को पेश किया जाना था, लेकिन अब इसे फाइनेंशियल बिजनेस (Financial Business) के पूरा होने के बाद ही संसद के पटल पर रखा जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक सरकार लोकसभा स्पीकर की अनुमति के बाद सप्लीमेंट्री लिस्टिंग (Supplementary Listing) के जरिए बिल पेश कर सकती है। यह फैसला तब आया जब 12 दिसंबर को कैबिनेट ने बिल को मंजूरी दी थी।
16 और 17 दिसंबर को इस पर चर्चा राज्यसभा में होगी
लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को संविधान पर चर्चा हुई, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और राजनाथ सिंह ने अपनी बात रखी थी।
16 और 17 दिसंबर को इस पर चर्चा राज्यसभा में होगी। संसद का यह शीतकालीन सत्र 25 नवंबर को शुरू हुआ था और 20 दिसंबर को खत्म होगा।
यह 129वां संविधान संशोधन बिल है। संविधान में एक नया जोड़ा जाएगा ताकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकें। अनुच्छेद 83, अनुच्छेद 172 और अनुच्छेद 327 में भी संशोधन किया जाएगा।
इसमें द गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट-1963, (The Government of Union Territories Act) द गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली-1991, और द जम्मू एंड कश्मीर रीऑर्गनाइजेशन एक्ट-2019 को संशोधित किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर भी संशोधन की संभावना है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति ने एक देश, एक चुनाव पर अध्ययन के बाद 14 मार्च 2024 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी दी थी।
यह समिति 2 सितंबर 2023 को बनाई गई थी और उसने करीब 191 दिनों में रिपोर्ट तैयार की। बिल की प्रस्तुति की तारीख अभी तय नहीं है, लेकिन यह संसद के मौजूदा सत्र में पेश हो सकता है। सरकार के इस कदम पर विपक्ष और विशेषज्ञों की नजरें टिकी हैं।