One Nation One Election Proposal: मोदी कैबिनेट से One Nation One Election प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। सूत्रों ने दावा कर बताया कि अगले हफ्ते बिल को संसद में पेश किया जाएगा।
सरकार इस बिल पर आम सहमति बनाना चाहती है, लिहाजा संसद से बिल को चर्चा के लिए जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) के पास भेजा जाएगा। JPC इस बिल पर सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेगी।
सूत्रों के मुताबिक यह बिल अगले हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा। सरकार चाहती है कि इस बिल पर सभी राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति बने।
अगर यह बिल पास हो जाता है, तो 2029 तक पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव (Lok Sabha and Assembly Elections) एक साथ कराए जा सकते हैं। राज्यों के विधानसभा कार्यकाल घटाने या बढ़ाने पर विचार होगा। दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराना जरूरी होगा।
भारतीय चुनाव प्रणाली में आएगा बड़ा बदलाव
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) की अध्यक्षता में गठित पैनल ने 191 दिनों की रिसर्च और स्टेकहोल्डर्स से चर्चा के बाद 14 मार्च 2024 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप थी। रिेपोर्ट में पहले फेज़ में लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ होंगे। 100 दिनों के अंदर निकाय चुनाव कराए जाएंगे।
वन नेशन-वन इलेक्शन से प्रशासनिक खर्चों और संसाधनों की बचत होगी। इस व्यवस्था के लिए संविधान में संशोधन और कई राज्यों के विधानसभा कार्यकाल में बदलाव जरूरी होगा।
राज्यों और विपक्षी दलों की सहमति अहम होगी, क्योंकि यह प्रस्ताव क्षेत्रीय और राजनीतिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है। सभी राज्यों के चुनाव कार्यक्रमों का समायोजन कठिन होगा। राज्यों की स्वायत्तता और संघीय ढांचे पर असर पड़ सकता है। प्रस्ताव पर राजनीतिक दलों के बीच मतभेद हैं।
अगर यह बिल पास होता है, तो भारतीय चुनाव प्रणाली (Indian Electoral System) में बड़ा बदलाव आएगा। यह देखना होगा कि विपक्ष और राज्य सरकारें इसे कितना समर्थन देती हैं। इस बिल पर चर्चा लोकतंत्र के भविष्य के लिए अहम होगी।