Online Fraud: लगातार Online Fraud के मामले बढ़ने की वजह से पुलिस के कान खड़े हो गए हैं। Cyber Criminal से निपटने के लिए पुलिस अब नए अंदाज में एक्टिव दिख रही है।
हम जानते हैं कि Cyber Crime की वजह से लोगों के बैंक अकाउंट से लाखों रुपए गायब हो चुके हैं। अब साइबर क्राइम पुलिस की तरफ से भी इस पर लोगों को जानकारी दी गई है। साथ ही पुलिस ने इसको लेकर पब्लिक एडवाइजरी इशू की है। इसमें ‘Online Trading Scam’ को लेकर कुछ जानकारी दी गई है।
कैसे हुआ स्कैम
स्कैम की बात करें तो बहुत सारे स्कैम चल रहे हैं। पीड़ितों को Scammers Whatsapp और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर टारगेट कर रहे हैं।
पीड़ितों के फोन पर एक विज्ञापन वाला मैसेज आता है। इसमें फ्री ट्रेडिंग टिप्स क्लास देने की बात कही जाती है। इन ग्रुप की मदद से स्कैमर्स पीड़ितों से कम्युनिकेट करते हैं और निवेश करने की अलग-अलग टिप्स देते हैं। यहां तक कि वह पीड़ितों को यह भी बताते हैं कि आपको स्टॉक कब बेचने चाहिए।
ऐप्स SEBI सिक्योरिटी बोर्ड के तहत रजिस्टर्ड नहीं
पीड़ितों का विश्वास हासिल करने के बाद वह उन्हें ऐप इंस्टॉल करने के लिए कहते हैं। लेकिन कोई ऐसी App नहीं होती है, बल्कि वह इसकी मदद से लोगों का मोबाइल हैक कर लेते हैं।
सबसे बड़ी बात है कि लोगों को इसके बारे में पता भी नहीं चल पाता है कि ये एक Scam है और उनकी कई पर्सनल जानकारी हासिल की जा रही है।
पुलिस ने इसकी जानकारी देते हुए बताया, ‘पीड़ितों को INSECG, CHS-SES, SAAI, SEQUOIA और GOOMI नाम की ऐप इंस्टॉल करवाई जाती है। ये ऐप्स SEBI सिक्योरिटी बोर्ड के तहत रजिस्टर्ड नहीं है।’
पुलिस ने आगे बताया, ‘वह रजिस्टर्ड के लिए स्टॉक ट्रेडिंग करने लगते हैं। क्योंकि इस ऐप को इस तरीके से ही डिजाइन किया जाता है। डिजिटल वॉलेट में फेक मुनाफा दिखाया जाता है।
बैंक अकाउंट में बाकी पैसे जमा कर दिए जाते हैं।’ पीड़ित जब मुनाफा निकालने का प्रयास करते हैं तो उन्हें कहा जाता है कि यह 50 लाख हो जाएगा तो ही संभव हो पाएगा। शक होने की स्थिति में वह Company Policy का दावा करते हैं।’ ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कारगर सिस्टम बनाया जा रहा है।