भारत के बढ़े कद का जीवंत प्रमाण है ऑपरेशन गंगा की सफलता: डॉ. जायसवाल

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पटना: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बिहार इकाई के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल और दमदार नेतृत्व के कारण वैश्विक स्तर पर भारत का कद पहले के मुकाबले काफी बढ़ चुका है। ऑपरेशन गंगा की सफलता इसका हालिया जीवंत प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि पहले सर्जिकल स्ट्राइक और अब ऑपरेशन गंगा की सफलता ने यह बात सिद्ध कर दी है कि देश और उसके नागरिकों की सुरक्षा केंद्र सरकार के लिए सर्वोपरि है।

देश अब बिना संकोच विश्वस्तर पर अपनी बात रखने में न केवल सक्षम है बल्कि इसके लिए कोई भी कदम उठाने के लिए भी आत्मनिर्भर बन चुका है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश न केवल तटस्थ रहते हुए निर्भीकता से अपनी बात को विश्व पटल पर रखा।

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन गंगा के तहत वतन लौटने वाले छात्रों के चेहरे पर सुकून और राष्ट्रभक्ति का जज्बा ऑपरेशन गंगा की सफलता की कहानी खुद बयां कर रहा है।

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बेतिया सांसद ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारत के 19 हजार से ज्यादा छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण करने यूक्रेन गए थे, जिसमें युद्ध के दौरान फंसे 15,924 छात्रों को ऑपरेशन गंगा के तहत स्वदेश वापस लाया गया।

इस दौरान भाजपा ने अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए लौटे छात्रों और उनके परिजनों से मुलाकात करने का निर्णय लिया।

भाजपा ने पूरे देश में अपने कार्यकर्ताओं की 2077 टीमें तैयार की और ऐसे परिजनों से मिलने का दायित्व इस टीम को सौंपा गया। इस टीम ने अब तक 18,499 मीटिंग कर ऐसे परिजनों का कुशलक्षेम जानने का प्रयास किया।

अगर बिहार की बात करें तो बिहार के एक हजार से अधिक छात्र युक्रेन में फंसे हुए थे, जिसमें 925 छात्र वापस स्वदेश लौट आए हैं।

उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में हमने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुमी में फंसे बिहार के विद्यार्थियों का कुशलक्षेम तथा वहां के हालातों की जानकारी ली थी।

उन्होंने कहा कि बिहार के लौटे छात्रों और उनके परिजनों से मुलाकात करने के लिए भाजपा ने 160 टीमें तैयार की थी और उनके परिजनों के साथ कुल 1023 मीटिंग कर के उनका फीडबैक लिया है।

डॉ. जायसवाल ने कहा कि यह भारत का बढ़ता प्रभाव ही है, जिसकी वजह से वह यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र से हजारों विद्यार्थियों को स्वदेश वापस ला पाया है, जबकि कई बड़े देश अपने नागरिकों को वहां से निकालने में अभी भी मुश्किलों से जूझ रहे हैं।

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