नई दिल्ली : ऑपरेशन कावेरी (Operation Cauvery) के तहत सूडान से भारत (Sudan to India) लाए गए लोगों में 117 को क्वारंटाइन किया गया है, क्योंकि उन्हें ‘येलो फीवर’ (‘Yellow Fever’) का टीका नहीं लगाया गया है।
इन यात्रियों में अगर बीमारी का कोई लक्षण नहीं उभरा, तो सात दिनों बाद उन्हें छोड़ दिया जाएगा। भारतीयों की निकासी में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) भी विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है।
शनिवार को करीब 600 भारतीयों की वतन वापसी
इधर, युद्धग्रस्त सूडान (War Torn Sudan) से शनिवार को दो अलग-अलग जत्थों में 596 और भारतीयों को स्वदेश लाया गया। पहले 231 भारतीयों को लेकर एक विमान नई दिल्ली पहुंचा।
हवाई अड्डे पर विमान से उतरने के बाद इन लोगों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए। उन्होंने ऑपरेशन कावेरी के तहत अपनी निकासी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर (Narendra Modi and Minister S Jaishankar) की प्रशंसा की।
अब तक 1725 भारतीय लौटे स्वदेश
इसके कुछ घंटे बाद 365 भारतीयों का एक और जत्था नई दिल्ली पहुंचा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1,725 भारतीय सूडान से स्वदेश पहुंच चुके हैं।
शुक्रवार को विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन (V Muraleedharan) ने बताया था कि 2,100 भारतीय अब तक जेद्दा पहुंच चुके हैं। शनिवार को INS तेग 288 भारतीयों के 14वें जत्थे को लेकर पोर्ट सूडान से जेद्दा रवाना हुआ।
सूडान में हालात बेकाबू
सूडान (Sudan) से नई दिल्ली पहुंचे एक भारतीय ने कहा कि संघर्ष के चलते वहां रहना मुश्किल हो गया है। खाने-पीने के सामान की वहां काफी किल्लत हो गई है।
इसके अलावा लगातार बमबारी हो रही है और Rocket दागे जा रहे हैं। वहां से निकलना भी खतरनाक है, क्योंकि वाहनों पर बम गिर सकता है।