नई दिल्ली: किसानों के मुद्दों को लेकर शरद पवार के नेतृत्व में विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेगा। दिल्ली-एनसीआर में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राष्ट्रपति से मुलाकात करेगा। इससे पहले विपक्षी नेता संयुक्त रणनीति बनाने के लिए पवार के आवास पर बैठक करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी. राजा और डीएमके के एलंगोवन पहले पवार के आवास पर मिलेंगे और फिर राष्ट्रपति से मिलने जाएंगे।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार पर भाजपा ने एपीएमसी पर उनके पहले के रुख को लेकर प्रहार किया है, जबकि पवार ने भाजपा पर मुद्दे को भटकाने का आरोप लगाया है।
पवार ने स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल एपीएमसी अधिनियम में सुधारों की वकालत की थी।
विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे 24 राजनीतिक दलों के संपर्क में हैं। सीपीआई नेता डी. राजा ने बताया कि कोविड के कारण केवल पांच नेता राष्ट्रपति के पास जाएंगे।
किसान संगठन और विशेष रूप से सहकारी क्षेत्र महाराष्ट्र में बहुत मजबूत है और शरद पवार का हस्तक्षेप ऐसे समय में हुआ है, जब आंदोलन को गति मिली है।
इस मुद्दे पर प्रेस को संबोधित करने के लिए कांग्रेस ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मैदान में उतारा।
24 राजनीतिक दलों के साथ कांग्रेस ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है और चाहती है कि नए अधिनियमित किए गए कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए।
पार्टी ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि सरकार को इन कानूनों को रद्द करना चाहिए और संसद के सत्र को बुलाना चाहिए और चर्चा करनी चाहिए कि क्या वे सुधार लाना चाहते हैं।
यदि वे किसानों के हित में काम करें तो कांग्रेस इसका स्वागत करेगी।
हुड्डा ने कहा कि सरकार को इन कानूनों को रद्द करना चाहिए और संसद का सत्र बुलाना चाहिए।
कांग्रेस ने कहा कि उसके घोषणापत्र में फार्मर मार्केट के जरिए एपीएमसी को किसानों के करीब लाने की बात थी।