नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने यहां चेंजिंग द वायरस: ए पब्लिक हेल्थ रिस्पॉन्स यानि “वायरस का पीछा करते हुए: कोविड-19 महामारी के लिए एक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया” शीर्षक से दस्तावेज जारी किया।
स्वास्थ्य मंत्री ने भारत में कोविड-19 महामारी के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की व्यापक प्रतिक्रिया जारी करने पर अपार प्रसन्नता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। 30 जनवरी को, हमारे देश में पहले रोगी की पुष्टि हुई थी और आज 1 साल और 2 महीने के बाद, हमने 1.2 करोड़ से अधिक कोविड 19 मामलों का पीछा किया है।
लेकिन ये ऐसे मामले हैं जिनका हमने पीछा किया है। कई अन्य मामले भी हो सकते हैं जो हमारे रिकॉर्ड में नहीं हैं।
लेकिन खुशी की बात यह है कि 1.2 करोड़ मामलों में से 1.13 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि कैसे वैश्विक स्तर की इस अभूतपूर्व महामारी को एक असाधारण अवसर में बदल दिया गया।
महामारी के शुरुआती दिनों में जिन बाधाओं का सामना किया गया था, उनका समाधान किया गया।
हम शुरू में पीपीई किट आयात करते थे। अब, हम न केवल भारत के लिए पर्याप्त किट का निर्माण करते हैं, बल्कि हम उन्हें अन्य देशों में निर्यात कर रहे हैं।
जनवरी 2020 में सिर्फ 1 से शुरू हुई कोविड प्रयोगशालाओं का विस्तार अब देश भर में 2433 तक पहुंच गया है। हम कई देशों को टीके भी निर्यात कर रहे हैं।”
उन्होने कहा कि महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई से सबसे बड़ा सबक यह है कि इससे हमारे आत्मविश्वास में बड़ी वृद्धि हुई है। देश हमारे रास्ते में आने वाली किसी भी विपरीत परिस्थिति और चुनौतियों से लड़ सकता है।
हमने कई देशों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने महामारी की प्रतिक्रिया के इस वृतांत को प्रकाशित करने की आवश्यकता पर ध्यान दिया।
इसके विमोचन के समय उन्होंने कहा, “वायरस का पीछा करते हुए: कोविड-19 महामारी के लिए एक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया” दस्तावेज इस अभूतपूर्व स्वास्थ्य आपातकाल के लिए देश भर में स्वास्थ्य प्रणालियों की प्रतिक्रिया का एक तथ्यात्मक वर्णन है।
इस दस्तावेज़ का खंड -1, महामारी से संबंधित कार्यों के साथ-साथ गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक निर्बाध पहुंच प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य संबंधी प्रणालियों को सक्षम करने के साथ-साथ प्रतिक्रिया के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी देता है।
हम सभी जानते हैं कि हमने यह लड़ाई हर हितधारक के योगदान से लड़ी है। महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई लड़ने में सभी लोगों द्वारा किए गए प्रयासों का दस्तावेजीकरण करना मुश्किल होगा।