स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत 41.93 करोड़ खातों में से 23.21 करोड़ खाते महिलाओं के

Central Desk
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नई दिल्ली:  वित्‍त मंत्रालय ने पिछले 7 वर्षों में अनेक योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष प्रावधान है। इन योजनाओं ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्‍त बनाया है, ताकि वे बेहतर जीवन जी सकें और उद्यमी बनने के अपने सपने को साकार कर सके।

स्‍टैंड अप इंडिया स्‍कीम : इस योजना की शुरुआत 5 अप्रैल, 2016 को की गई थी और इसका उद्देश्‍य ग्रामीण क्षेत्रों में निचले स्‍तरों पर आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन के लिए उद्यमिता को बढ़ावा देना है।

इस योजना का उद्देश्‍य संस्‍थागत ऋणों का फायदा ऐसे वर्गों तक पहुंचाना है, जहां इनकी पहले पहुंच नहीं थी और इनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमी है, ताकि राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में हिस्‍सेदारी के लिए उन्‍हें भी अवसर प्रदान किया जा सके।

इस योजना का उद्देश्‍य 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये के बैंक ऋणों को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) की प्रत्‍येक शाखा से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कम से कम एक सदस्‍य और कम से कम एक महिला उद्यमी को ऋण की सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे हरित क्षेत्र उद्यमों की स्‍थापना कर सके।

स्‍टैंडअप इंडिया योजना के तहत 26.02.2021 तक 81 प्रतिशत से अधिक यानी 91,109 खातों में महिला उद्यमियों के लिए 20,749 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी जा चुकी है।

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