नई दिल्ली: PM नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को कहा कि भारत (India) में पर्यटन क्षेत्र (Tourism Sector) को नई ऊंचाई देने के लिए लीक से हटकर सोचना होगा और दीर्घकालिक योजना (Long Term Plan) बनानी होगी।
उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों के कायाकल्प से पर्यटन (Tourism) को बढ़ावा मिला है, पिछले साल 7 करोड़ लोगों ने काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन किए।
आज का ‘नया भारत नए वर्क कल्चर’ के साथ आगे बढ़ रहा : प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने Video Conferencing के माध्यम से ‘विकासशील पर्यटन मिशन’ (Developmental Tourism Mission) को बढ़ावा देने पर बजट (Budget) के बाद के वेबिनार को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि आज का ‘नया भारत नए वर्क कल्चर’ के साथ आगे बढ़ रहा है। इस बार भी बजट की खूब वाहवाही हुई है। देश के लोगों ने इसे Positive तरीके से लिया है।
उन्होंने कहा, भारत में हमें Tourism Sector को नई ऊंचाई देने के लिए आउट ऑफ द बॉक्स (लीक से हटकर) सोचना होगा और लंबे समय की योजना करने चलना होगा।
उन्होंने कहा कि जब भी कोई टूरिस्ट डेस्टिनेशन को विकसित करने की बात आती है तो तीन सवाल बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
पहला-उस स्थान का पोटेंशियल (संभावना) क्या है। दूसरा- यात्रा में आसानी के लिए वहां की अवसंरचनात्मक आवश्यकता क्या है, उसे कैसे पूरा करेंगे। तीसरा- प्रोमोशन (संवर्धन) के लिए नया क्या करेंगे।
युगों से हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा रहा: PM
उन्होंने कहा कि जब सभी हितधारक कार्यों को रणनीतिक और कुशलता (Strategic and Tactical) से संभालने के लिए हाथ मिलाते हैं तो वांछनीय और समय पर परिणाम सामने आते हैं।
आज हम पर्यटन क्षेत्र को बदलने की राह पर हैं। उन्होंने कहा कि जब हम पर्यटन के बारे में बात करते हैं, तो कुछ लोग सोचते हैं कि यह एक फैंसी शब्द है और यह केवल उन लोगों का प्रतिनिधित्व करता है जो संपन्न हैं।
भारत के सन्दर्भ में पर्यटन का दायरा बहुत बड़ा है और युगों से हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा रहा है।
भारत के संदर्भ में देखें तो टूरिज्म का दायरा बहुत बड़ा: PM
PM ने कहा कि भारत (India) के संदर्भ में देखें तो टूरिज्म का दायरा बहुत बड़ा है। सदियों से हमारे यहां यात्राएं होती रही हैं, ये हमारे सांस्कृतिक-सामाजिक जीवन का हिस्सा रहा है। जब संसाधन नहीं थे, तब भी कष्ट उठाकर लोग यात्राओं पर जाते थे।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा, द्वादश ज्योतिर्लिंग (Twelve Jyotirling) की यात्रा, 51 शक्तिपीठ की यात्रा, ऐसी कितनी यात्राएं हमारे आस्था के स्थलों को जोड़ती थीं।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में तटीय पर्यटन (Coastal Tourism), समुद्र तट पर्यटन, हिमालयी पर्यटन, मैंग्रोव पर्यटन, साहसिक पर्यटन (Adventure Tourism), वन्यजीव पर्यटन, इको-टूरिज्म, हेरिटेज टूरिज्म, आध्यात्मिक पर्यटन, विवाह स्थल, खेल पर्यटन जैसे पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।
हमें इन्हें मजबूत करना सुनिश्चित करना है। PM ने कहा कि यात्राओं की इस पुरातन परंपरा के बावजूद दुर्भाग्य ये रहा कि इन स्थानों पर समय के अनुकूल सुविधाएं बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया।
पहले सैकड़ों वर्षों की गुलामी और आजादी के बाद के दशकों में इन स्थानों की राजनीतिक उपेक्षा (Political Neglect) ने देश का बहुत नुकसान किया। अब आज का भारत इस स्थिति को बदल रहा है।
भारत के टूरिज्म सेक्टर में कई गुना वृद्धि हो सकती: PM
उन्होंने कहा कि जब-जब यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ती हैं, तो कैसे यात्रियों में आकर्षण बढ़ता है, उनकी संख्या में भारी वृद्धि होती है, देश में ये भी हम देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत के विभिन्न स्थलों में अगर नागरिक सुविधाएं बढ़ाई जाएं, वहां Digital Connectivity अच्छी हो, होटल-हॉस्पिटल अच्छे हों, गंदगी का नामोंनिशान ना हो, बेहतरीन Infrastructure हो, तो भारत के टूरिज्म सेक्टर में कई गुना वृद्धि हो सकती है।
बेहतर होते इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण अब दूर-सुदूर के गांव टूरिज्म मैप पर आ रहे
प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर (Better Infrastructure) के कारण हमारे दूर-सुदूर के गांव अब टूरिज्म मैप पर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बॉर्डर किनारे बसे गांवों के लिए वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज योजना (Vibrant Border Village Scheme) भी शुरू की है।
ऐसे में होम स्टे, छोटे होटल-रेस्टोरेंट (Hotel Restaurant) ऐसे अनेक बिजनेस के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा सपोर्ट करने का काम हमें करना है।
ये वो समय है, जब हमारे गांव भी टूरिज्म का केंद्र बन रहे हैं। बेहतर होते इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण अब दूर-सुदूर के गांव टूरिज्म मैप पर आ रहे हैं।
उन्होंने वेडिंग डेस्टिनेशंस (Wedding Destinations) को बड़ा Business बताते हुए कहा कि इसको लेकर भारत में अपार संभावनाएं हैं। लोग इसमें रुचि लेकर यात्रा करेंगे।
उन्होंने विदेशी पर्यटकों (Foreign Tourists) को आकर्षित करने के लिए कहा कि हमें कम से कम 50 गंतव्यों का विकास करना चाहिए जो पर्यटकों की सूची में दिखाई दे तब वे भारत आने के बारे में सोचेंगे।