हजारीबाग: कोरोना महामारी में एक ओर मरीजों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर जहां हाय-तौबा मचा है।
वहीं, दूसरी ओर झारखंड के एक बड़े अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर की चोरी कर बाहर बेचे जाने का एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है।
जी हां, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से ऑक्सीजन सिलेंडर की चोरी कर बाहर बेचने के आरोप में पुलिस ने अस्पताल के दो वार्ड ब्वॉय को अरेस्ट कर लिया है।
वहीं, आउटसोर्स कंपनी एमजे सोलंकी के दो सुपरवाइजर को पूछताछ के बाद पीआर बांड पर छोड़ा गया है।
इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन द्वारा मंगलवार को थाना में एफआईआर दर्ज करवाई गई। मामले की जांच जारी है।
डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ एके सिंह ने खुद अस्पताल से आॅक्सीजन सिलेंडर गायब होने की बात कबूल की है।
हॉस्पिटल में बेचे जा रहे बेड भी
इतना ही नहीं, सूत्रों की मानें तो हजारीबाग मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में बेड भी बेचे जा रहे थे। गंभीर स्थिति में पहुंचे मरीज को बेड खाली नहीं होने का हवाला दिया जाता था।
जबकि हॉस्पिटल में बेड खाली होते थे। यह भी बताया जा रहा है कि हॉस्पिटल का ही रेगुलेटर 4000 से 5000 में बेचा जा रहा है।
लोग मजबूरी में इसे खरीद रहे हैं। इस संबंध में डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ एके सिंह ने सदर थाना में कांड संख्या 179/21 दर्ज करा दिया है।
क्या कहते हैं हॉस्पिटल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट
इस संबंध में डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. एके सिंह ने बताया कि एक ऑटो ड्राइवर ऑक्सीजन सिलेंडर हॉस्पिटल से लेकर बाहर गया और सप्लायर के पास उसे बेचने की बात कर रहा था।
ड्राइवर ने कहा कि बाहर बाजार में 8000 में एक सिलेंडर बिकता है। लेकिन मैं आपको 4000 में ही दे दूंगा।
तभी सप्लायर ने उस सिलेंडर को पहचान लिया। देखा कि सिलेंडर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का है।
उसने तत्काल डॉ. एके सिंह को फोन किया। इसके बाद इसकी सूचना लोहसिंघना पुलिस को दी गई और ऑटो चालक को सिलेंडर के साथ हिरासत में ले लिया गया।
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर गायब होने का आंकड़ा तो स्पष्ट नहीं है।
क्योंकि बहुत सारे सिलेंडर आए हैं। फिर भी अंदाजन 20 से 30 बड़े सिलेंडर और 20-30 छोटे सिलेंडर गायब हैं। इधर, हॉस्पिटल सूत्र से जानकारी मिली है कि लगभग 200 सिलेंडर गायब हैं।
क्या कहते हैं थाना प्रभारी
थाना प्रभारी इंस्पेक्टर गणेश कुमार सिंह ने कहा कि इस संबंध में डिप्टी सुपरिटेंडेंट की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है।
तत्काल वार्ड बॉय गदोखर के रहने वाला सुरेंद्र यादव और नूरा के रहने वाला आशीष को गिरफ्तार किया गया है।
वहीं, आउट सोर्स सुपरवाइजर भीम और मनोज को पूछताछ के बाद इन शर्तों पर छोड़ा गया है कि जब भी जरूरत हो, वो थाना में उपस्थित होंगे।