Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया, जिसमें 26 पर्यटकों की हत्या हुई। इस हमले से बाल-बाल बचे रांची के रेणु सिंह और उनके पति MK सिंह ने प्रभात खबर से अपनी आपबीती साझा की। रेणु ने बताया कि वे परिवार के साथ एक हफ्ते की जम्मू-कश्मीर यात्रा पर थे।
22 अप्रैल को उनकी योजना दोपहर बाद पहलगाम के बैसारन मीडो (घाटी) जाने की थी, जहां लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने आतंकी हमला किया। उनकी सूझबूझ और ड्राइवर की तत्परता ने उनकी जान बचा ली।
”पैरों तले जमीन खिसक गई थी, हम सहम गए थे”
रेणु ने बताया कि उस दिन उनके बच्चे नीचे एम्युजमेंट पार्क में थे, और वे पति एमके सिंह के साथ खच्चर वाले से रेट तय कर रहे थे। तभी उनका कैब ड्राइवर घबराया हुआ आया और तुरंत होटल लौटने को कहा।
परिवार ने बिना देर किए होटल की ओर प्रस्थान किया। रास्ते में, हमले के करीब 10 मिनट बाद, आसमान में हेलीकॉप्टर मंडराने लगे और पुलिस की गाड़ियों के सायरन सुनाई दिए।
होटल पहुंचकर TV पर खबर देखी तो पता चला कि घाटी में आतंकी हमला हुआ है, जिसमें कई पर्यटक मारे गए। रेणु ने कहा, “पैरों तले जमीन खिसक गई। हम सहम गए थे।”
रास्ता खूबसूरत लेकिन जोखिम भरा
हमले के बाद रेणु और उनके परिवार ने अगले दिन (23 अप्रैल) कश्मीर छोड़ने का फैसला किया। कश्मीर प्रशासन ने पर्यटकों के लिए वैकल्पिक मार्ग खोला था, जिसमें मुगल रोड से सोपोर-पुलवामा के रास्ते जम्मू जाने की व्यवस्था थी।
यह रास्ता आमतौर पर पर्यटकों के लिए बंद रहता है, लेकिन हालात को देखते हुए खोला गया। बुधवार सुबह 6 बजे ड्राइवर ने उन्हें इस 16 घंटे की दुर्गम यात्रा पर ले जाना शुरू किया। रास्ता खूबसूरत लेकिन जोखिम भरा था।
रेणु ने बताया कि रास्ते में कश्मीरी ग्रामीणों की मानवता ने उनका दिल जीत लिया। गांव-गांव में लोग पानी, जूस, नाश्ता, और खाना लेकर खड़े थे। वे मुस्कुराते हुए कह रहे थे, “डरिए मत, आप हमारे मेहमान हैं।” हर 2-3 किलोमीटर पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान शालीनता से जांच कर रहे थे और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे थे।
पुलिसकर्मी घटना पर अफसोस जताते हुए कह रहे थे कि कश्मीरियों को बदनाम किया जा रहा है। रात 10 बजे जम्मू पहुंचकर परिवार ने राहत की सांस ली।
ड्राइवर 10 मिनट की देर करता, तो शायद…
रेणु ने बताया कि यात्रा के दौरान गाड़ी का एक टायर खराब हो गया, जिसके कारण ड्राइवर ने तय किराए से 4,000 रुपये अतिरिक्त लिए। ड्राइवर ने कहा, “मैडम, टायर खराब हो गया था, लेकिन आप सबको सही-सलामत पहुंचाना ज्यादा जरूरी था।”
रेणु ने कहा, “अगर ड्राइवर 10 मिनट की देर करता, तो शायद हम आज यह कहानी नहीं सुना रहे होते।”