पाक सेना ने 1971 में निर्दोष नागरिकों को बेरहमी से मार डाला : हसीना

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ढाका: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि 25 मार्च, 1971 को पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान की निर्दोष नागरिकों की क्रूर और सामूहिक हत्याएं की थी।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, यह नरसंहार बंगाली देश के उनकी वैध मांग को अस्वीकार करने और उनकी जातीय राजनीतिक पहचान को समाप्त करने के लिए किया गया था।

हसीना ने आगे कहा, इस दिन हमें मानवता और वैश्विक शांति के लिए नरसंहार को फिर कभी नहीं के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करनी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा, साल 1971 में हमें दिया गया दर्द और आघात हमें कहीं भी नरसंहार का अंत करने के लिए प्रेरित करता है और इस जघन्य अपराध के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करता है।

हसीना ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय स्मरणोत्सव दिवस और नरसंहार के पीड़ितों की गरिमा और इस अपराध की रोकथाम के साथ-साथ नरसंहार की रोकथाम और सजा पर कन्वेंशन की 72वीं वर्षगांठ के अवसर पर बांग्लादेश पूरे विश्व के इतिहास में नरसंहार के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ एकजुटता जताता है और इस तरह के जघन्य अपराधों को रोकने के लिए अपनी ²ढ़ प्रतिबद्धता को दोहराता है।

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प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 1971 के युद्ध के दौरान बांग्लादेश उन कुछ देशों में शामिल है जिन्होंने नरसंहार के सबसे बुरे रूपों में से एक का सामना किया है।

हसीना ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया कि वह नरसंहार के मूल कारणों का पता लगाने के लिए सख्त कार्रवाई करे, शुरुआती संकेतों की पहचान करे और दुनिया में कहीं भी किसी भी नरसंहार की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करें।

उन्होंने आगे कहा कि 1971 के नरसंहार के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने और मानवता के खिलाफ इन अपराधों को रोकने के लिए देश की प्रतिबद्धता को बनाए रखने के लिए, देश की संसद ने 25 मार्च को नरसंहार दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है और तदनुसार हर साल इसे बांग्लादेश और पूरी दुनिया में रह रहे बांग्लादेशी लोगों, जो अपनी मातृभूमि से प्यार करते हैं, द्वारा मनाया जाता है।

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