इस्लामाबाद: पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट सिंध सरकार द्वारा अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या के मामले में सभी आरोपी व्यक्तियों को रिहा करने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर एक फरवरी को सुनवाई करेगी।
प्रांतीय सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी, जिसमें कहा गया कि सिंध हाईकोर्ट (एसएचसी) के आदेश में विस्तृत कारण स्पष्ट नहीं हैं।
याचिका में मुख्य आरोपी अहमद उमर सईद शेख सहित चार दोषियों की रिहाई के लिए 24 दिसंबर, 2020 को लिए गए हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है।
शीर्ष अदालत की तीन-न्यायाधीशों वाली पीठ, जिसने गुरुवार का फैसला सुनाया, वह इस याचिका पर सुनवाई नहीं करेगी।
महाधिवक्ता (एडवोकेट जनरल) सिंध सुलेमान तालिबुद्दीन ने कहा, एसएचसी के संक्षिप्त आदेश द्वारा दर्ज निष्कर्षों में से एक यह है कि उत्तरदाता संविधान के अनुच्छेद 10 (9) के अंतर्गत दुश्मन एलियंस नहीं हैं। इस शब्द का अर्थ न्यायिक रूप से स्पष्ट नहीं है।
सिंध सरकार का कहना है कि आरोपी व्यक्ति दुश्मन एलियंस की श्रेणी में आते हैं। सरकार ने कहा कि उसने एसएचसी के रिकॉर्ड पर सबूत पेश किया है, जिसे अस्वीकार कर दिया गया है।
आदेश-पत्र में कहा गया है, अब सिंध सरकार ने पीठ से अनुरोध किया है कि वह कानून और तथ्यों पर इस फैसले का उच्चारण करे।
महाधिवक्ता ने यह भी कहा कि एसएचसी ने अपने संक्षिप्त आदेश में सिंध सरकार को संविधान के अनुच्छेद 10 के तहत अपने अधिकार का प्रयोग करने से रोक दिया है।
उन्होंने कहा कि यही प्रावधान सरकार को एक व्यक्ति की निवारक हिरासत को पारित करने के लिए अधिकृत करता है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहमद उमर सईद शेख को रिहा करने का आदेश दिया था जो 2012 में अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल के अपहरण और हत्या का मुख्य आरोपी है।
लगभग 18 वर्ष पूर्व अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण एवं उनकी हत्या के मुख्य आरोपी अहमद उमर सईद शेख को पाकिस्तानी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिहा किए जाने के आदेश पर अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
इसने कहा है कि शेख पर अब अमेरिका में मामला चलाया जाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रवक्ता जेन साकी और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने गुरुवार को कहा कि अगर पाकिस्तान ब्रिटिश मूल के आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख को पर्ल के अपहरण व हत्या के लिए जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता है तो उसके खिलाफ अब अमेरिका में मामला चलाया जाएगा।