इस्लामाबाद: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे में है और उनके नेतृत्व वाली सरकार को विपक्ष द्वारा कड़ी चुनौती दी जा रही है, क्योंकि प्रमुख विपक्षी राजनीतिक दलों ने एक साथ मिलकर पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) सहित संयुक्त विपक्षी दलों और अन्य सदस्यों ने सदन को भंग करने और जल्दी चुनाव की ओर बढ़ने के उद्देश्य से इमरान की सत्तारूढ़ सरकार को हटाने का फैसला किया है।
पीएमएल-एन के नेता शाहबाज शरीफ ने कहा, इस सरकार ने अपने लगभग चार साल के सत्ता में रहने के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने कहा, महंगाई ने ऐतिहासिक ऊंचाई को छू लिया है. सिलेक्टेड (जनता की इच्छा के बिना बना पीएम) प्रधानमंत्री ने जनता के जीवन को दयनीय बना दिया है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के पूर्व अध्यक्ष और चेयरमैन आसिफ अली जरदारी ने विपक्षी दलों के एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान गंभीर संकट की स्थिति में है।
अविश्वास प्रस्ताव के बारे में बात करते हुए, जिसमें प्रधानमंत्री इमरान खान को हटाने के लिए समर्थन में कम से कम 172 वोटों की आवश्यकता है, जरदारी ने कहा कि विपक्षी दलों ने पहले ही समर्थन या आवश्यक संख्या से अधिक एकत्र कर लिया है।
उन्होंने कहा, न केवल विपक्ष बल्कि सत्तारूढ़ पीटीआई के सांसद भी अपनी सरकार से तंग आ चुके हैं, क्योंकि उन्हें चुनाव लड़ना है और अपने निर्वाचन क्षेत्रों में वापस जाना है।
सूत्रों के अनुसार, विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने कम से कम 86 सदस्यों के हस्ताक्षर के साथ अतिरिक्त सचिव मुहम्मद मुश्ताक को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा।
विपक्षी दलों को भरोसा है कि उनके पास सत्ताधारी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए आवश्यक संख्या है, वहीं प्रधानमंत्री इमरान खान को विश्वास है कि उन्हें हटाने का यह प्रयास सफल नहीं होगा, इस प्रयास में लगी विपक्षी पार्टियों को हार का भी सामना करना पड़ेगा।
आंकड़ों और नेशनल असेंबली में वर्तमान स्थिति के अनुसार, कुल 342 सदस्यों में से प्रधानमंत्री को बाहर करने के लिए विपक्षी दलों को कम से कम 172 वोटों की आवश्यकता है।
फिलहाल, सदन में विपक्षी सदस्यों की संख्या 162 है, जबकि वरिष्ठ नेताओं का दावा है कि उन्हें सत्ता पक्ष से कई अन्य लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ है, साथ ही अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोटों की कुल संख्या कम से कम 180 होगी।
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री सहित, सत्ता पक्ष चिंता में आ गया है और पार्टी में भी हड़कंप मच गया है। इस बीच स्थिति को संभालने के लिए इमरान खान ने सहयोगियों तक पहुंचना शुरू कर दिया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे विपक्ष के राजनीतिक हमले के खिलाफ उनके साथ खड़े हों।