पाकुड़: सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में गुरुवार को राज्य नोडल पदाधिकारी क्लिनिकल एस्टिब्लैशमेंट एक्ट, डाॅक्टर एस एन झा ने बैठक की। मौके पर जिले के सभी प्राइवेट अस्पतालों के संचालक मौजूद थे।
जिन्हें क्लिनिकल एस्टिब्लैशमेंट एक्ट के दायरे में लाने के बावत विस्तृत जानकारी दी गई।
डाॅक्टर झा ने कहा कि जिन स्वास्थ्य संस्थानों ने अब तक क्लिनिकल एस्टिब्लैशमेंट एक्ट के तहत पंजीकरण नहीं करवाया है।
वह अविलंब करवा लें अन्यथा विभाग कार्रवाई करने को बाध्य होगा।
क्लिनिकल एस्टिब्लैशमेंट एक्ट के तहत अलग-अलग जुर्माना निर्धारित है। मौके पर उन्होंने कहा कि सेंट्रल क्लिनिकल एस्टिब्लैशमेंट एक्ट सभी प्राइवेट अस्पतालों पर लागू होने वाला है।
उन्होंने उन्मुखीकरण कार्यक्रम के तहत एक्ट से जुड़ी बातों की भी विस्तृत जानकारी दी।
साथ ही कहा कि इससे संस्था व मरीज दोनों को फायदा होगा।
उन्होंने बताया कि इस एक्ट के तहत निजी अस्पताल कानून के दायरे में आएंगे।
अस्पतालों में जवाबदेही के साथ ही पारदर्शिता भी बढ़ेगी। साथ ही बताया कि रजिस्टर्ड अस्पतालों को मरीजों से लिया जाने वाला परामर्श व जांच शुल्क प्रमुख जगहों पर सार्वजनिक करना पड़ेगा।
इसके अलावा बीमारी के इलाज में लिए जाने वाले शुल्क की भी जानकारी देनी होगी।
वहीं, निजी संस्थान इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को इलाज के लिए मना नहीं कर सकेंगे।ऐसे अस्पतालों में मरीजों के साथ लापरवाही के मामलों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करायी जा सकती है।
एक्ट के तहत जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ऐसे मामलों में लापरवाही साबित होने पर संस्थानों पर सीधा एक्शन ले सकेंगे।