पाकुड़: ट्रैक्टर की चपेट में आने से दंपती की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने बुधवार के दोपहर बाद लिटीपाड़ा थाना क्षेत्र के सूरजबेड़ा गांव के पास साहिबगंज-गोविदपुर एक्सप्रेस हाइवे को जाम कर दिया।
शव को सड़क पर रख कर ग्रामीण जाम कर रहे थे। इससे सड़क पर घंटों आवाजाही बंद हो गयी। पुलिस ने मौके पर पहुंच लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन ग्रामीण अड़े रहे।
ग्रामीण बतौर मुआवजा 35 लाख रूपए की मांग कर रहे थे। उधर एसडीपीओ, पाकुड़ अजीत कुमार विमल ने बताया कि शाम ढलने के बाद लिटीपाड़ा बीडीओ, पुलिस निरीक्षक तथा थाना प्रभारी मौके पर पहुंच कर लोगों को उनकी मांग की जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने तथा हर संभव मदद करवाने का भरोसा दे जाम हटवाया। कोई शाम साढ़े छह बजे के करीब जाम खत्म हुआ और आवागमन चालू हो सका।
उल्लेखनीय है कि गत सोमवार की शाम सुरूजबेड़ा गांव के प्रधान सोरेन अपनी पत्नी मरांगमई मरांडी के साथ बाइक से लिटीपाड़ा साप्ताहिक हाट से गांव लौट रहे थे।
ठीक गांव के बाहर पाकुड़ दुमका मुख्य सड़क पर पीछे से आ रहे तेज रफ्तार अज्ञात ट्रैक्टर उन्हें रौंदते हुए भाग निकला। जिससे मरांगमई की मौके पर ही मौत हो गई।
जबकि ग्रामीणों ने गंभीर रूप से जख्मी प्रधान सोरेन को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद वहां से उसे पाकुड़ सदर अस्पताल भेज दिया गया।
सदर अस्पताल ने भी उसकी गंभीर स्थिति के मद्देनजर बेहतर इलाज के लिए बाहर रेफर कर दिया।
जहां बुधवार की अहले सुबह इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। दोपहर बाद प्रधान का शव गांव पहुंचते ही दंपति की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने 35 लाख रूपए मुआवजा की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया।
सूचना मिलते ही लिटीपाड़ा थाना के एएसआई मिंटू भारती सदल बल मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझा बुझाकर जाम खत्म करवाने की असफल कोशिश की।
लेकिन शाम ढलने तक अपनी मांग पर अड़े हुए थे। ग्रामीणों के मुताबिक दंपति के दो पुत्र मजदूरी करने गोवा गए हुए हैं ।
इधर मृतक प्रधान सोरेन अपनी नाबालिग बेटी फुलिन सोरेन (12)तथा बेटा रामू सोरेन (8)के साथ ही अपनी 75 वर्षीया मां का भरन पोषण करता था। उनकी परवरिश के लिए बतौर मुआवजा न 35 लाख रूपए देना ही होगा। साथ ही उनके रहने के लिए आवास भी देना होगा।