मेदिनीनगर: ज़िला मुख्यालय मेदिनीनगर शहर थाना अंतगर्त यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया बैंक लॉकर घोटाला का खुलासा बुधवार को एसपी चंदन सिन्हा ने किया।
एसपी ने बताया कि पुलिस ने बैंक लॉकर घटनाक्रम में मैनेजर गंधर्व, डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार, चाबी बनाने वाले मकबूल अंसारी, जेवरात को गिरवी रख कर ब्याज पर रुपए कमाने वाले प्रशांत पिंटू उर्फ सोनी, राजेश गुप्ता वसीम, कलाम, कपिल सोनी, जितेंद्र कुमार सोनी उर्फ रसगुल्ला मोहित सोनी, शिवम सोनी, अब्दुल्लाह अंसारी और रवि खत्री को गिरफ्तार किया है।
एसपी ने कहा कि घटना का मुख्य सूत्रधार में से एक मनोज कुमार और ओम प्रकाश चनद्रवंशी उर्फ रिशु फरार है।
पुलिस गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। एसपी ने बताया कि यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर में पहली बार फरवरी माह में सेंध लगाई गई थी। उस दरम्यान दो ग्राहकों के लॉकर से जेवरात को डिप्टी मैनेजर ने बाहर निकाला।
उस समय गुरजीत सिंह और एक रिटायर प्रोफेसर के साथ घटना घटित हुई थी। बैंक मैनेजर और डिप्टी मैनेजर ने पूरे मामले को ही मैनेज कर लिया था। उस घटनाक्रम के बाद से ही डिप्टी मैनेजर लगातार बैंक के लॉकर में रखे जेवरात को गायब कर रहा था।
एसपी ने बताया कि डिप्टी मैनेजर ने 09 लॉकर से जेवरात को गायब किया। पांच लोगों ने पुलिस ने पास शिकायत की।
इस तरह मामला आया सामने
कृषि साइंटिस्ट डॉ. अशोक सिन्हा 10 दिन पहले जब अपना लॉकर खोलने गये तो उनके पास जो चाबी थी, उससे लॉकर नहीं खुला।
इसके बाद बैंक मैनेजर गन्धर्व कुमार ने लॉकर तुड़वाने के लिए टेक्नीशियन को बुलाया।
जब लॉकर टूटा तो उसमें सिर्फ चांदी के जेवर थे, ॰सोने के जेवर नहीं मिले। इसकी सूचना बाद बैंक में लॉकर रखने वाले अन्य कस्टमर भी पहुंचने लगे। कुछ कस्टरमर्स का लॉकर उनकी चाबी से खुल गया।
चार कस्टमर्स के लॉकर नहीं खुले। पुलिस ने सोमवार रात मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में चार कस्टमर्स का लॉकर को तुड़वाया।
लॉकर टूटते ही वहां मौजूद चारों कस्टमर्स डॉ. जय कुमार, शिक्षक रमण किशोर, एनपीयू कर्मी राजीव मुखर्जी और वेद प्रकाश शुक्ला के होश उड़ गए। उनके लॉकर से सोने के सभी ज्वेलरी गायब थी। महिलाएं बैंक में ही रोने बिलखने लगी।