पलामू में 24 घंटे बाद भी नहीं जमा हुई डिज्नीलैंड मेले की राशि

बुधवार को सदर एसडीओ कार्यालय में डिज्नीलैंड मेला संचालन के लिए शिवाजी मैदान की नीलामी की प्रक्रिया पूरी की गई थी, जिसमें 55 लाख 20 हजार की बोली लगाकर पुष्पा सिन्हा ने टेंडर लिया

News Aroma Media

पलामू:डालटनगंज के शिवाजी मैदान में लगने वाले डिज्नीलैंड मेला का टेंडर (Disneyland Fair Tender) बोली लगाने में दूसरे स्थान पर रहे पवन कुमार गुप्ता (Pawan Kumar Gupta) को मिलने की संभावना बन गई है।

टेंडर लेने वाली पुष्पा सिन्हा पति संजीव नयन ने 24 घंटे बीत जाने के बाद भी टेंडर राशि (Tender Amount) जमा नहीं करायी है। ऐसे में जिला प्रशासन परेशान है और जल्द ही दूसरे डाक वक्ता पर निर्णय ले लेने की स्थिति में है।

बुधवार को सदर एसडीओ कार्यालय में डिज्नीलैंड मेला संचालन के लिए शिवाजी मैदान की नीलामी की प्रक्रिया पूरी की गई थी, जिसमें 55 लाख 20 हजार की बोली लगाकर पुष्पा सिन्हा ने टेंडर लिया था। इसमें स्कूटिव मजिस्ट्रेट विक्रम आनन्द एवं एनडीसी पारितोष प्रियदर्शी शामिल हुए थे।

नीलामी में 10 लोगों ने टेंडर डाला था, जिसमें तीन लोग अनुपस्थित थे, बाकी एक व्यक्ति के द्वारा ड्राफ्ट जमा नहीं किया गया था, जबकि एक व्यक्ति जितेंद्र अग्रवाल को जेल जाने के कारण थाना प्रभारी के आदेश के बाद टेंडर में बैठने नहीं दिया गया था।

6 बजे तक टेंडर की राशि जमा नहीं करायी गई

बाकी बचे पांच लोगों में से बोली पुष्पा सिन्हा की ओर से 55 लाख 20 हजार की उच्चतम बोली लगाकर टेंडर अपने नाम कर लिया गया था।

जिला नजारत सूत्रों के अनुसार ने गुरूवार शाम 6 बजे तक टेंडर की राशि जमा नहीं करायी गई थी। नियमानुसार जिस समय टेंडर डाला जाता है, उसके तुरंत बाद सिक्यूरिटी मनी (Security Money) और उसके कुछ देर बाद उसी दिन कुल राशि जमा करनी होती है।

इधर, दूसरे स्थान पर रहे पवन कुमार ने पत्रकारों को बताया कि उच्चतम बोली लगाने वाली पुष्पा सिन्हा ने गुरूवार शाम तक टेंडर राशि जमा नहीं करायी है।

टेंडर फाइनल होने की संभावना बन गई

ऐसे में नियमानुसार उसका टेंडर फाइनल होने की संभावना बन गई है। लेटर बन गया है। एसडीओ का हस्ताक्षर होते ही पक्का निर्णय हो जाएगा।

SDO Office  के पत्र के अनुसार जिस व्यक्ति को टेंडर मिलता है, उसे कुल राशि 18 पर्सेंट जीएसटी के साथ उसकी दिन जमा करनी रहती है, जबकि नगर निगम को सफाई के नाम पर चार लाख रुपये जमा करने पड़ते हैं।

यदि इनके द्वारा राशि जमा नहीं की जाती है तो द्वितीय बोली (Second Quote) लगाने वाले को मौका दिया जाता है। नीलामी की न्यूनतम सुरक्षित राशि 28 लाख 40 हजार दो सौ रूपए निर्धारित थी।