MLA Radhakrishna Kishore Resigns: छतरपुर-पाटन के पूर्व विधायक और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण किशोर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्य से इस्तीफा (Resign) दे दिया है।
साथ ही अपने इस्तीफे की कॉपी प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार सिंह यादव को प्रेषित कर दिया है। किशोर के साथ RJD के प्रदेश महासचिव प्रशांत किशोर एवं सचिव राजकमल तिवारी ने भी इस्तीफा दे दिया है।
राधाकृष्ण किशोर मेदिनीनगर (Medininagar) में दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान अपने इस्तीफा देने की जानकारी दी।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि RJD अब A 2Z और विकास के लिए सामाजिक भाईचारा की पार्टी नहीं रह गयी है। पलामू लोकसभा के संयोजक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा द्वारा समाज को बांटने वाले दिए गए बयान पर भी किशोर आहत दिखे।
साथ ही 12Z Party बनाने में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के असफल रहने पर भी उन्होंने चिंता व्यक्त की। राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि फिलहाल वे किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे।
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में वैसे व्यक्ति के लिए काम करेंगे जो पलामू-गढवा के विकास के लिए काम कर रहे हैं। साथ ही जिसकी जीत से राष्ट्रीय एकता अखंडता मजबूत हो वैसे उम्मीदवार को सपोर्ट करेंगे।
किशोर ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने यह नारा दिया था कि हमारी पार्टी समाज के सभी वर्गों (एटूजेड) की पार्टी है, परंतु दूसरी ओर पलामू लोकसभा के चुनावी अभियान को शुरू करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता गौतम सागर राणा ने एक Electronic Media को दिए गए बयान में यह कहा है कि मोदी चुनाव जीतते हैं तो देश ब्रह्मणवाद की ओर मुड़ जायेगा।
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के अवसर पर गौतम सागर राणा के बयान स्पष्ट है कि राजद एटूजेड की पार्टी नहीं है। यह स्थापित सत्य है कि किसी भी राजनैतिक संगठन के लिए विश्वास एक बड़ी पूंजी है। यदि पार्टी से कार्यकर्ताओं और जनता का विश्वास उठ जाए तो फिर वैसे राजनैतिक दल स्वयं को जनता के बीच स्थापित नहीं कर सकता है।
ज्ञातव्य है कि कुछ दिन पहले झारखंड के वरिष्ठ एवं अनुभवी नेता गिरिनाथ सिंह को बड़े ही ताम-झाम के साथ राजद में शामिल कराया गया था।
गिरिनाथ सिंह चतरा लोकसभा से चुनाव लड़ना चाहते थे। पार्टी में शामिल करवाने के बाद चतरा लोकसभा से गिरिनाथ सिंह को प्रत्याशी नहीं बनाया गया।
यदि गिरिनाथ सिंह को चतरा से लोकसभा सीट पर प्रत्याशी बनाया जाता तो स्वर्ण मतदताओं मंे एक अच्छा संदेश जाता। गठबंधन के तहत मात्र Palamu Lok Sabha Seat पर चुनाव लड़ने से प्रदेश राजद के कार्यकर्ता अपने को ठगा-ठगा महसूस कर रहे हैं।
राष्ट्रीय जनता दल का समाजिक न्याय और सभी वर्गों के उत्थान के सिद्धातों से प्रभावित होकर मैंने वर्ष 2020 में राजद की सदस्यता ग्रहण की थी। वर्ष 1995 में झारखंड क्षेत्र के 13 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करने तथा 15 सीटों पर दूसरा स्थाना प्राप्त करने वाली पार्टी राजद वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में मात्र एक सीट पर ही सिमट कर रह गई।
फलस्वरूप पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा-हताशा की भावना व्याप्त हो गयी। प्रदेश राजद कार्यकर्ताओं का मानना था कि दो चार विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने से पार्टी संपूर्ण झारखंड राज्य (Jharkhand State) में स्वयं को विस्तारित नहीं कर सकती है।
पार्टी कार्यकर्ताओं की यह भावना थी कि 2024 के लोकसभा चुनाव मंे चतरा, पलामू, कोडरमा तथा गोड्डा चार सीटों पर तथा विधानसभा (Assembly) की लगभग 25 सीटों पर राजद को चुनाव लड़ना चाहिए।
पार्टी के लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि गठबंधन के नाम पर पार्टी केवल एक लोकसभा सीट Palamu ही ले पायी। स्पष्ट है कि गठबंधन के तहत अगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में RJD को दो-चार सीटों से अधिक नहीं मिलने वाला है।