मेदिनीनगर: आयुक्त जटा शंकर चौधरी (Jata Shankar Chowdhary) ने मंगलवार को नावाबाजार प्रखंड और अंचल कार्यालय का औचक निरीक्षण (Surprise check) किया।
उन्होंने उपस्थिति पंजी में उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले 10 कर्मियों की हाजिरी काटी जबकि प्रखंड नाजिर, पंचायत सचिव एवं रोजगार सेवक को कार्यों के प्रति उदासीनता और लापरवाही बरतने को लेकर निलंबित करने का निर्देश दिया। साथ ही अंचल के प्रधान लिपिक एवं राजस्व कर्मचारी को शो-कॉज (Show-Cause) करने का निर्देश दिया।
प्रखंड नाजिर सह कैशियर सुशील कुमार सिंह द्वारा दो सहायक रोकड़ बही को उपस्थापित किया गया। एक में मार्च तक एवं दूसरे में अप्रैल तक ही प्रखंड विकास पदाधिकारी से हस्ताक्षरित पाया गया।
उसके बाद कोई हस्ताक्षर नहीं कराया गया है। आयुक्त ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह कैशियर की घोर लापरवाही है। उन्होंने इसे लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी (Block Development Officer) को आज ही सहायक रोकड़ बही की जांच करने और हस्ताक्षर करने का सख्त निर्देश दिया।
गोविंदा पांडेय को निलंबित करने का निर्देश दिया
प्रधानमंत्री आवास एवं 15वीं वित्त के कार्यों एवं कार्य उपरांत भुगतान की धीमी प्रगति पर पंचायत सचिव सरयू प्रसाद यादव को निलंबित करने का निर्देश दिया।
निर्देश के बावजूद मनरेगा के तहत 5 योजनाओं की स्वीकृति नहीं देने को लेकर रबदा के रोजगार सेवक रमाकांत तिवारी, राजहरा के रोजगार सेवक विद्यापति राम एवं तुकबेरा के रोजगार सेवक गोविंदा पांडेय (Govinda Pandey) को निलंबित करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत कम से कम 5 योजनाओं को लिया जाना है लेकिन इन पंचायतों में नहीं ली गई है।
आयुक्त ने LPC के प्राप्त आवेदनों की स्पष्ट जानकारी नहीं दिखाये जाने को लेकर अंचल के प्रधान लिपिक राजकिशोर सिंह से शो-कॉज करने का निर्देश दिया।