Pakur Babulal Marandi : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने सोमवार को लिट्टीपाड़ा के कुटलो और सुंदरपहाड़ी के जोलो बरागो गांव में ब्रेन मलेरिया (Brain Malaria) से मृत बच्चों के परिजन एवं बीमारी से पीड़ित परिवार से मुलाकात कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया।
साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के इस क्षेत्र में दो दिवसीय दौरे के बावजूद प्रभावित गांवों का दौरा कर पीड़ितों का हाल चाल नहीं लेने को उन्होंने दुखद बतलाया।
मरांडी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि 21वीं सदी में भी झारखंड का हमारा जनजातीय समाज मलेरिया रोग के इलाज की कमी से जूझ रहा है।
बाबूलाल मरांडी ने कहा…
इसके साथ ही बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हालात की गंभीरता को देखते हुए वे अपने आगामी कार्यक्रमों को स्थगित कर रहे हैं। लिट्टीपाड़ा और सुन्दरपहाड़ी के गांवों में स्वास्थ्य स्थिति का जायजा लेने के अलावा जनता को मलेरिया के प्रकोप से तात्कालिक राहत दिलाने में पहल करने का प्रयास होगा।
उन्होंने कहा कि आश्चर्य लगता है कि मुख्यमंत्री पाकुड़ और बरहेट आए, दो दिनों तक रहे परंतु मलेरिया प्रभावित गांव जाकर पीड़ितों और प्रभावितों से मुलाकात तक नहीं की, यह दुखद है।
शायद मुख्यमंत्री इसलिए प्रभावित गांवों में नहीं आए कि अगर वे गांव जाएंगे तो उन्हें भी मलेरिया हो जाएगा। या तो वे डर गए या अफसरों ने उन्हें डरा दिया कि आप गांव जाएंगे तो बीमार पड़ जाएंगे।
मरांडी ने राज्य सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि हमें लगता है कि केन्द्र सरकार की नल से जल योजना को यहां पर अमल में लाना चाहिए और इस बाबत मुख्यमंत्री को राज्य के अफसर को निर्देशित करनी चाहिए।
इसके लिए सप्ताह या महीना भर दिन की जरूरत नहीं है। अगर युद्ध स्तर पर काम किया गया तो यह महज दो दिनों का ही काम है। आवागमन की समुचित व्यवस्था नहीं है। नावाडीह में बिल्कुल कीचड़ है।
स्वाभाविक है कि इस प्रकार की गंदगी होगी तो मच्छर पैदा होंगे और लोग बीमार पड़ेंगे। सड़क को तत्काल ठीक करने की जरूरत है। लिट्टीपाडा, सुंदरपहाड़ी है यह मलेरिया का जोन है।
सरकार को स्पेशल ड्राइव चलाना चाहिए
यहां तो सरकार को स्पेशल ड्राइव चलाना चाहिए। ताकि केवल रोकथाम ही नहीं हो बल्कि इसका स्थाई समाधान हो सके। गांव की सुविधा पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
सड़क अच्छी होगी तो जल जमाव भी नहीं होगा और इस कारण मच्छर भी पैदा नहीं होगा। सरकार को अविलंब इस दिशा में काम करना चाहिए। आजकल तो अच्छी तकनीक का समय है।
सरकार चाहे तो सड़क, पानी की उपलब्धता सहित सभी चीजें सप्ताह भर में दुरुस्त हो सकती है, जो लोग बीमार हैं उनके इलाज के लिए बेहतर सुविधा करने की जरूरत है।
पता चला की लिटीपाड़ा अस्पताल (Litipada Hospital) में बेड की अच्छी व्यवस्था नहीं है तो आजकल तो सब कुछ पोर्टेबल है। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। जाड़े का मौसम है, गरीबों को कंबल भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि लिट्टीपाड़ा प्रखंड के बड़ा कुटलो गांव में पिछले दिनों ब्रेन मलेरिया से पांच बच्चों की मौत हो गई थी।