पाकुड़: प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कृषि कानूनों की वापस लेने के सवाल पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह फैसला किसी के दवाब में नहीं बल्कि छोटे किसानों के हितों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने किया है।
ये बातें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने शुक्रवार को मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कही। साथ ही कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बधाई व धन्यवाद के पात्र हैं।
मरांडी जिला भाजपा द्वारा कोल कंपनी की ऑपरेटर कंपनी बीजीआर की मनमानी के खिलाफ किए जा रहे दो दिवसीय धरना प्रदर्शन को बल देने को आए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर एक छोटा सा तबका विपक्षियों की शह पर पिछले साल भर से आंदोलन की आड़ में मनमानी कर रहा था, जबकि छोटे व आम किसान उससे अलग अपने खेतों में आज भी लगा हुआ है।
अगर केंद्र सरकार चाहती तो अपनी शक्ति का उपयोग करते हुए उनके खिलाफ सख्ती कर सकती थी लेकिन अपनी संवेदनशीलता के चलते उसने ऐसा नहीं किया बल्कि, हर संभव संयम बरती। इसलिए यह कहना कि किसी के दवाब में तीन कृषि कानूनों को रद्द किया गया गलत है।
इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। पंचायत चुनाव के टाले जाने के सवाल पर मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार सत्ता का विकेंद्रीकरण नहीं चाहती है। विभिन्न कारणों की आड़ लेकर पंचायतों को अवधि विस्तार दिया जा रहा है ताकि सरकारी अमलों के जरिए विकास के नाम पर वसूली की जा सके।
उन्होंने राज्य सरकार पर अवधि विस्तार की आड़ में हरेक पंचायत से दस से पंद्रह हजार रुपये वसूलने का भी आरोप लगाया। इसके अलावा उन्होंने जहां कंबाइंड जेपीएससी परीक्षा को आई वाश कहा वहीं उसके वर्तमान अध्यक्ष को संदेहास्पद व्यक्ति करार दिया।
इस मौके पर पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय मंत्री मिसफिका हसन, भाजपा प्रदेश मंत्री शर्मिला रजक, जिलाध्यक्ष बलराम दूबे व जिप अध्यक्ष बाबुधन मुरमू भी मौजूद थे।