रांची : कोरोना संक्रमण व फेफड़े के इनफेक्शन के कारण लंबे समय तक बीमार रहे सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो अब स्वस्थ हो चुके हैं। इसके साथ ही सीएम हेमंत सोरेन ने उन्हें शिक्षा और उत्पाद विभाग की ज़िम्मेदारी दोबारा सौंप दी है।
बुधवार को जगरनाथ महतो ने शिक्षा मंत्री के रूप में कामकाज फिर से शुरू किया और सबसे पहले राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों की फाइल मांगी।
इसके बाद शिक्षा सचिव के साथ बैठक की और कहा कि जल्द ही पारा शिक्षकों की मांगें पूरी होंगी। उन्होंने सबसे पहले पारा शिक्षकों के कल्याण कोष के गठन से संबंधित जानकारी मांगी।
उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों के कल्याण कोष के गठन की प्रक्रिया जल्द पूरी होगी उनकी मांगों को लेकर सरकार गंभीर है। वहीं पारा शिक्षकों का कहना है कि हमें वेतनमान लागू करते हुए स्थाईकरण किया जाए।
विधानसभा चुनाव के पूर्व हेमंत सोरेन ने वादा किया था कि उनकी सरकार बनते ही प्रदेश के तमाम पारा शिक्षकों का वेतनमान लागू करते हुए स्थाईकरण किया जाएगा। समय आ गया है कि हमें अब हमारा हक़ दे दिया जाये।
बता दें कि आज शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो प्रधानमंत्री के साथ होने वाली बैठक में शामिल होंगे। बैठक ऑनलाइन होगी।
आर-पार की लड़ाई में जरूरत पड़ी तो आत्मदाह भी करेंगे
बता दें कि पारा शिक्षक भी 16 अगस्त से आंदोलन फिर शुरू हो जाएगा। आर-पार की लड़ाई के लिए वह तैयार हैं। इस आर-पार की लड़ाई में धरना, प्रदर्शन व अनशन किया जाएगा। पारा शिक्षकों ने यहां तक कहा है कि जरूरत पड़ी तो आत्मदाह भी करेंगे।
सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के लिए तमाम पारा शिक्षकों ने एक बैठक कर रणनीति तैयार की है। पारा शिक्षकों ने सरकार से मांग की कि आगामी 15 अगस्त तक वेतनमान और स्थाईकरण लागू करे।
कहा कि विधानसभा चुनाव के पूर्व हेमंत सोरेन ने वादा किया था कि उनकी सरकार बनते ही प्रदेश के तमाम पारा शिक्षकों का वेतनमान लागू करते हुए स्थाईकरण किया जाएगा।
लेकिन अब सरकार बनने से दो वर्ष बीतने को है और अभी तक वर्तमान झारखंड सरकार और मुख्यमंत्री द्वारा पारा शिक्षकों के लिए कोई सहयोग रूपी कार्य नहीं किया गया है। जिससे कि प्रदेश के तमाम 65000 पारा शिक्षकों में भारी आक्रोश है।
सीएम ने आवास पर जाकर मुलाकात की
इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को उनसे उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। उनका हालचाल जाना। मंत्री के स्वास्थ्य में प्रगति देख सीएम ने प्रसन्नता जताई।
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वहीं, पूरी तरह स्वस्थ होते ही सीएम ने शिक्षा और उत्पाद मंत्रालय उनके जिम्मे कर दिया है। मुख्यमंत्री ने मंत्री को कार्यों का निपटारा घर से ही करने की सलाह दी है।
कोरोना व फेफड़े में संक्रमण से पीड़ित थे जगरनाथ महतो
बता दें कि कोरोना व फेफड़े में संक्रमण से मंत्री जगरनाथ महतो पीड़ित हो गये थे। सितंबर 2020 के अंतिम सप्ताह में कोरोना से संक्रमित हुए थे। उसके बाद उन्हें पहले रिम्स और उसके बाद रांची के मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मुख्यमंत्री लगातार उनके स्वास्थ्य को लेकर फिक्रमंद थे। कई बार अस्पताल जाकर चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य का हालचाल लेते रहे थे।
इस बीच मंत्री की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सीएम की पहल पर एमजीएम, चेन्नई के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम रांची बुलायी गयी थी।
इस टीम की सलाह पर श्री महतो को 19 अक्तूबर को एयर एंबुलेंस से चेन्नई भेजा गया था। चेन्नई में मंत्री के खराब फेफड़े का ट्रांसप्लांट किया गया था।