रांची: कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले झारखंड के पारा शिक्षकों के आश्रितों की मददगार राज्य सरकार बनेगी।
इन्हें कल्याण कोष के माध्यम से मदद करने की झारखंड सरकार तैयारी कर रही है।
पारा शिक्षकों के कल्याण कोष के गठन में इसका प्रावधान किया जाएगा।
वहीं, बच्चों की पढ़ाई से लेकर उनकी शादी तक का खर्च सरकार खुद उठाएगी। इसको लेकर कवायद तेज कर दी गई है।
सीएम ने कल्याण कोष गठन का दिया है निर्देश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को कल्याण कोष के गठन को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री ही स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के मंत्री के प्रभार में भी हैं। कल्याण कोष का गठन नहीं होने से पारा शिक्षकों को परेशानी हो रही है।
36 से ज्यादा पारा शिक्षक पिछले एक महीने में कोरोना की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं।
पारा शिक्षकों के लिए फिलहाल कोई प्रावधान नहीं था, जिसकी वजह से मृत पारा शिक्षकों के आश्रितों को कुछ नहीं मिल सका।
पांच लाख तक की होगी हेल्प
कल्याण कोष लागू होने से ऐसे पारा शिक्षकों के आश्रितों को पांच लाख तक की सहायता राशि मिल सकती है।
राज्य सरकार उसे जनवरी या अप्रैल से लागू करने की तैयारी कर रही है।
इसमें जिन पारा शिक्षकों का निधन हुआ होगा, उनके आश्रितों को आर्थिक मदद की जाएगी।
इसके अलावा पारा शिक्षकों के बच्चों की उच्च शिक्षा से लेकर बेटियों की शादी के लिए भी राशि मिल सकेगी।
कल्याण कोष से होगी आर्थिक मदद
कल्याण कोष के लिए राज्य सरकार ने 10 करोड़ का प्रावधान किया है।
इसमें पारा शिक्षकों को हर महीने 200 रुपए देने होंगे।
कल्याण कोष से राशि की आवश्यकता होने पर आवेदन के एक महीना के अंदर राशि पारा शिक्षकों के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।