रांची: झारखंड एकीकृत पारा शिक्षिक मोर्चा ने राज्य की हेमंत सरकार को अल्टीमेटम दिया है।
मोर्चा के बिरनी प्रखंड अध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा है कि एनसी/अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों और नवडीहा छतरपुर के पारा शिक्षकों का बकाया मानदेय का जल्द भुगतान किया जाये।
उन्होंने कहा है कि अगर जल्द से जल्द भुगतान नहीं होता है तो कोरोना काल समाप्त होते ही जोरदार आंदोलन होगा, जिसकी सारी ज़िम्मेदारी हेमंत सोरेन की होगी।
छल-कपट करने पर उतारू है झारखंड सरकार
उन्होंने कहा है कि झारखंड के पारा शिक्षकों के साथ हेमंत सरकार छल-कपट पर उतारू हो गई है।
जब-जब चुनाव या उपचुनाव आता है तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पारा शिक्षकों से वादा कर चुनावी रैलियों में बड़ी-बड़ी डिंग हांकते हैं कि चुनाव में साथ दीजिए।
चुनाव बाद पारा शिक्षकों का सेवा शर्त नियमावली लागू कर देंगे, लेकिन पारा शिक्षकों का वोट लेकर जैसे ही चुनाव समाप्त होता है तो मुख्यमंत्री जी मौन साध लेते हैं, जो पारा शिक्षकों के साथ नाइंसाफी है।
पारा शिक्षकों की बदौलत बनी सरकार
पारा शिक्षकों की बदौलत ही हेमंत सरकार का प्रादुर्भाव संभव हुआ है।
15 नवंबर 2018 के ऐतिहासिक आंदोलन के बल पर पारा शिक्षकों ने ही माहौल को हेमंत सोरेन के पक्ष में किया और उसी माहौल पर पारा शिक्षकों के पूर्ण सहयोग से हेमंत सोरेन ने सरकार बनाई।
अब जब सरकार बन गई है तो तीन महीने का वादा कर आज 16 महीने बीतने को हैं, लेकिन इन 16 महीनों में 16 पैसे का इजाफा तक नहीं हुआ है तो इस हेमंत सरकार से क्या उम्मीद कर सकते हैं।