न्यूज़ अरोमा रांची: स्थायीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों का आज से काला बिल्ला लगाकर काम करने का कार्यक्रम शुरू हो गया है।
पहले दिन एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा राज्य इकाई के आह्वान पर उत्क्रमित मध्य विद्यायल करवापहाड़ समेत अन्य स्कूलों के पारा शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया।
बता दें कि 15 से 19 मार्च तक पारा शिक्षकों ने विधानसभा घेराव कार्यक्रम किया। रांची में पारा शिक्षकों ने आंदोलन करते हुए सरकार से मांगों को पूरा करने का आग्रह किया।
पारा शिक्षकों का कहना है कि सरकार जबतक उनकी मांगें पूरी नही करती तब तक वे लोग काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे और फिर भी हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन का भी जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
विधायक लंबोदर महतो ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की
इधर, गोमिया विधायक लंबोदर महतो ने पारा शिक्षकों सहित अन्य अनुबंध, संविदा और मानदेय पर कार्यरत कर्मियों की समस्या के समाधान को लेकर राज्य सरकार से आवश्यक पहल करने की अपील की है।
बता दें कि पारा शिक्षकों रांची में विधानसभा के निकट साईं मैदान में चरणबद्ध तरीके से धरना प्रदर्शन कर अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने की मांग की।
लेकिन इस दौरान सरकार का कोई प्रतिनिधि उनसे मिलने तक नहीं गया।
उन्होंने पारा शिक्षकों की मांगों का समर्थन करते हुए सरकार से तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह किया।
चुनाव पूर्व वादे पर सरकार ने साधी चुप्पी
विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले गठबंधन सरकार में शामिल नेताओं द्वारा पारा शिक्षकों की मांगें पूरी करने का भरोसा दिया गया था, लेकिन अब उन सभी ने चुप्पी साध ली है।
उन्होंने कहा कि पारा शिक्षक जब तक स्थायी नहीं हो जाते तब तक वे आवाज बुलंद करते रहेंगे, सड़क से लेकर संसद तक मुखर बने रहेंगे।
संविदा कर्मी पारा शिक्षकों के साथ सहायक, सहायिका, एएनएम-जीएनएम को स्थायी करने के लिए बराबर आवाज बुलंद किया है और यह चलता रहेगा।
इससे पहले भी उन्होंने शून्यकाल के माध्यम से पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविकाएं, आंगनबाड़ी सहायिकाओं, बीआरपी-सीआरपी, एएनएम-जीएनएम, जलसहिया, पंचायत स्वयंसेवक, डीआरडीए कर्मी, मनरेगा कर्मी और अन्य लगभग दो लाख संविदा कर्मियों की सेवा स्थायी करने की मांग की है।