रांची : झारखंड के 65 हजार पारा शिक्षकों की मांगों और समस्याओं के मुद्दों पर शुक्रवार को एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संयोजक बिनोद बिहारी महतो एवं प्रमोद कुमार ने माननीय मंत्री जगरनाथ महतो से मुलाक़ात की।
पारा शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि के साथ-साथ उनके स्थायीकरण और वेतनमान के बिंदुओं पर चर्चा हुई।
बता दें कि 12 अगस्त, यानी गुरुवार को झारखंड सरकार को अंतिम निर्णय लेना था, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की अध्यक्षता में विकास आयुक्त, वित्त सचिव, शिक्षा सचिव, राज्य परियोजना निदेशक की बैठक होनेवाली थी। इसके लिए शुक्रवार को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा मिला।
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने बताया कि मंत्री जी मुलाक़ात में उन्होंने कहा है कि पारा शिक्षकों के सभी काम होगा।
मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि पारा शिक्षकों की समस्याओं को लेकर वह लगातार गंभीर रहे हैं। उनकी परेशानियों को जल्द से जल्द दूर करने की कोशिश हो रही है।
एकीकृत पारा शिक्षक संघ के बैनर तले राज्यभर के पारा शिक्षक एक लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।
उचित समय पर मानदेय न मिलना, पारा शिक्षकों के हक में नियमावली तैयार करना और स्थायीकरण जैसे मांगों को लेकर शिक्षक लगातार मुखर रहे हैं।
इधर पारा शिक्षकों ने कहा है कि 18 अगस्त 2021 को राज्य के सभी पारा शिक्षकों के बेहतर भविष्य का नींव निर्माण हो जाए इसके लिए हम सभी ईश्वर से प्रार्थना करें।
मुलाक़ात करने वालों में एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के शिष्टमंडल के साथ शनीफ अंसारी, सिमान्ता घोषाल, सज्जाद अंसारी, गौतम कुमार, रोहित कुमार, भरत महतो एवं अन्य मौजुद थे।
यह जानकारी बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे हृषिकेश पाठक, प्रमोद कुमार ,मोहन मंडल ,दशरथ ठाकुर ,प्रद्युम्न सिंह एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने बातचीत के आधार पर दी है।
इन समस्या के समाधान का आग्रह
1. अप्रशिक्षित / NC वाले पारा शिक्षको का स्थाई समाधान हो एवं मानदेय का जल्द भुगतान हो।
2. टेट विसंगति वाले पारा शिक्षको को नई नियमावली में वेतनमान हेतु शामिल करने की मांग की है।
3. 2010 से 2012 के बीच चयनित पारा शिक्षकों को नियमावली में शामिल करने की मांग की है।
4. पूर्व सरकार के द्वारा आंदोलन के दरमियान केश करते हुए 289 पारा शिक्षको को जेल भेज दिया गया था और अन्य पारा शिक्षको पर केस भी किया गया था इन सभी केस को समाप्त करने की मांग की गई है।
बता दें कि झारखंड सरकार राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों को स्थायी करने पर विचार कर रही है।
बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी पारा शिक्षकों के स्थायीकरण और वेतनमान के लिए सीमित आकलन परीक्षा ली जायेगी।
फिलहाल पारा शिक्षकों के मानदेय में भी बढ़ोतरी पर भी विचार हो रहा है। इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो और विभिन्न पारा शिक्षक संगठनों के बीच शनिवार को पांच घंटे तक हुई वार्ता में इन मुद्दों पर सहमति बनी थी। शिक्षक दिवस पांच सितंबर के दिन इसकी घोषणा की संभावना है।
18 अगस्त को नियमावली पर अंतिम फैसले की संभावना
शिक्षा मंत्री ने इससे पहले हुई बैठक में शामिल विभागीय पदाधिकारियों को इसकी प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था और 11 अगस्त तक नियमावली का ड्राफ्ट फाइनल करने को कहा था।
18 अगस्त को शिक्षा मंत्री फिर पारा शिक्षकों के साथ बैठक करेंगे, जिसमें नियमावली पर अंतिम निर्णय होने की संभावना है। पारा शिक्षक प्रद्युम्न कुमार सिंह ने कहा है कि अब पारा शिक्षकों का ध्यान 18 अगस्त को होनेवाले फैसले पर है।
पारा शिक्षकों के साथ हुई वार्ता
शिक्षा मंत्री की पारा शिक्षकों के साथ दो दौर की वार्ता हुई थी। बैठक में शिक्षा मंत्री ने पारा शिक्षकों के प्रतिनिधियों से पूछा था कि वह किस राज्य के आधार पर स्थायीकरण और वेतनमान चाहते हैं।
पारा शिक्षकों को बैठक से बाहर जाकर विचार-विमर्श कर यह तय करने को कहा। इसके बाद पारा शिक्षकों के विभिन्न संगठनों ने आपसी सहमति से तय किया कि बिहार की तर्ज पर राज्य के पारा शिक्षकों का स्थायीकरण किया जाये।